रायपुर
महंगाई की मार से लोग उबर ही नहीं पा रहे हैं। 200 रुपये किलो वाला टमाटर कीमत गिरने के बाद भी अभी लोगों की दिमाग से उतरा नहीं है कि तेजी से महंगी होती अरहर दाल रसोई पर भारी पड़ती जा रही है। हालत यह है कि मार्च-अप्रैल में 120-125 रुपये किलो बिकने वाली अरहर दाल की कीमत 175-180 रुपये किलो तक पहुंच गई है। यानी चार माह में ही यह 55 से 60 रुपये किलो महंगी हो गई है। इसका असर अन्य दालों पर भी पड़ा है। चना दाल की कीमत 90 रुपये, मूंग दाल 120 रुपये और उड़द दाल 110 रुपये किलो पहुंच गई है।
अनाज कारोबारियों का कहना है कि दालों की कीमत में तेजी का मुख्य कारण यह है कि इस वर्ष इसका उत्पादन बहुत कमजोर है। त्योहारी सीजन भी शुरू होने को है। ऐसे में मांग और बढ़ेगी तो दाम में भी और तेजी आएगी। अनाज कारोबारी प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि आने वाले दिनों में भी दालों की कीमतों में गिरावट के आसार नहीं हैं। अभी नई फसल आने में लगभग चार माह का समय है। मांग की तुलना में आवक काफी कम है। बता दें कि चार-पांच वर्ष पहले भी त्योहारी सीजन में राहर दाल की कीमत 200 रुपये किलो तक पहुंच गई थी। केंद्र सरकार द्वारा अंकुश लगाए जाने के बाद कीमत गिरी थी।
खाद्य तेलों के दाम गिरे
बीते दिनों महंगे हो रहे खाद्य तेलों की कीमतों में अब गिरावट आने लगी है। सोयाबीन 110 से 120 रुपये लीटर और सनफ्लावर 120-125 रुपये लीटर बिक रहा है। हालांकि मूंगफली तेल 175 से 190 रुपये लीटर तक बिक रहा है। कारोबारियों का कहना है कि खाद्य तेलों की आवक भरपूर और मांग सामान्य है, जिससे दाम गिर रहे हैं।
शक्कर भी हुई महंगी
शक्कर की कीमतों में भी तेजी आ गई है। चिल्हर में यह 44 रुपये किलो तक पहुंच गई है। त्योहारों के चलते शक्कर की मांग में तेजी है, जिसका असर कीमतों पर पड़ा है।
इस तरह बढ़ी अरहर दाल की कीमत
मार्च 120 रुपये किलो
अप्रैल 120-125 रुपये किलो
मई 125-140 रुपये किलो
जून 130-150 रुपये किलो
जुलाई 130-155 रुपये किलो
अगस्त 130-160 रुपये किलो
सितंबर 175-180 रुपये किलो
सब्जियों में राहत
उपभोक्ताओं को इन दिनों सब्जियों में राहत मिल रही है। टमाटर 25 रुपये किलो, भिंडी 40 रुपये किलो, लौकी 20 रुपये किलो, बैगन 25 रुपये किलो, पत्ता गोभी 25 रुपये किलो, गोभी 40 रुपये किलो तक बिक रही है। वहीं प्याज 35 रुपये किलो बिक रही है।