कोरोना केसों में फिर उछाल, गुजरात-महाराष्ट्र समेत 4 राज्यों में ज्यादा चिंता
नई दिल्ली
देश में कोरोना एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगा है। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत में 1,249 नए कोरोनोवायरस मामले (corona new cases) दर्ज किए गए। इस तरह सक्रिय मामले बढ़कर 7,927 हो गए हैं। वहीं, कर्नाटक और गुजरात में एक-एक मौत के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,818 हो गई है। देश में पिछले एक सप्ताह से दैनिक कोरोनावायरस मामलों में वृद्धि सामने आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और कर्नाटक मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट करने वाले राज्यों में से हैं। देश में कोरोना का डेली पॉजिटिविटी रेट 1.9 प्रतिशत है। जबकि वीकली पॉजिटिविटी रेट 1.14 प्रतिशत पहुंच गया है।
शुक्रवार सुबह आठ बजे केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 1249 नए मामलों के साथ देश कोविड मामले की संख्या 4.47 करोड़ (4,47,00,667) हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामलों में अब कुल संक्रमणों का 0.02 प्रतिशत शामिल है, जबकि राष्ट्रीय COVID-19 रिकवरी दर 98.79 प्रतिशत दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों में 1,05,316 परीक्षणों के साथ अब तक कोविड का पता लगाने के लिए 92.07 करोड़ परीक्षण किए जा चुके हैं।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण 220.65 करोड़
बीमारी से उबरने वालों की संख्या बढ़कर 4,41,61,922 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई। मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में अब तक कोविड टीके की 220.65 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।
एक्सबीबी वैरिएंट के ज्यादा मामले
दैनिक कोविड-19 मामलों में क्रमिक वृद्धि के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ओमिक्रॉन का एक्सबीबी.1.16 सबवैरिएंट देश में प्रमुख वायरस तनाव हो सकता है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की दर में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई है।
इन राज्यों में ज्यादा चिंता
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि ओमिक्रॉन के जीनोम अनुक्रमण के बाद XBB.1.16 के लिए पिछले तीन महीनों – जनवरी, फरवरी और मार्च में 344 नमूनों का परीक्षण सकारात्मक रहा है। सबवैरिएंट महाराष्ट्र (105), तेलंगाना (93), कर्नाटक (57), गुजरात (54) और दिल्ली (19) जैसे राज्यों में पाया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि "ओमिक्रॉन और इसके सब वैरिएंट के केसों में उछाल जरूर आया है लेकिन, अस्पताल में भर्ती होने और या मृत्यु दर में वृद्धि का कोई सबूत नहीं बताया गया है।"