अब वोटर लिस्ट से नेताओं के कहने पर नहीं हटेंगे नाम
भोपाल
मध्यप्रदेश में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन चार अक्टूबर को होने जा रहा है। इस बार केवल नेताओं की शिकायत के आधार पर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाएंगे। मतदाता की अनुमति, उसके द्वारा नाम हटाने के लिए आवेदन भरने के बाद उसकी पर्याप्त जांच, परीक्षण के बाद ही मतदाता सूची से नाम हटाए जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि चूंकि नाम हटाए जाने के बाद अक्सर विवाद की स्थिति निर्मित होती है। इसलिए अब कोई व्यक्ति दिवंगत हो चुका है तो उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उनका नाम हटाने के लिए समुचित फार्म भरने, डेथ प्रमाणपत्र देखने के बाद ही मतदाता सूची से नाम हटाने की कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह जो मतदाता अन्यत्र शिफ्ट हो चुके है और उन्होंने अपना नाम एक स्थान से मतदाता सूची से नहीं हटावाया है और दूसरे स्थान पर वे नाम जुड़वा चुके है तो उनसे फोन पर संपर्क कर, पड़ोसियों से चर्चा करने और पर्याप्त जांच के बाद ही नाम हटाने की कार्यवाही की जाएगी। बिना मतदाता की अनुमति के उनका नाम मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जा सकेगा।
प्रदेश के सभी परिवारों के नाम एक ही मतदान केन्द्र पर रखे जाना है। जिनके परिवार के सदस्यों के अलग-अलग मतदान केन्द्रों पर नाम है वे फार्म भरकर एक ही स्थान पर परिवार के सदस्यों के नाम रखने के लिए कार्यवाही कर सकेंगे। मतदाता सूची में त्रुटि होने पर उसे सुधारा भी जा सकेगा।