30 साल बाद दुर्लभ संयोग में मानेगी कृष्णजन्माष्टमी, लड्डू गोपाल के भोग में इसे ना भूलें
वैदिक ज्योतिष के अनुसार 6 सितंबर दोपहर 3:37 बजे अष्टमी तिथि का आरंभ होगा और इसका समापन 27 सितंबर शाम 4:14 बजे हो जाएगा. इस बार की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष संयोग बनने से 30 साल बाद एक साथ सर्वाथ सिद्धि और रवि योग बन रहे हैं.
इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में होगें और रोहिणी नक्षत्र रहेगा. ऐसा होना ही अपने आप में दुर्लभ है. जो कुछ राशियों के लिए शुभता लेकर आ रहा है. जैसे की कर्क , सिंह और वृषभ राशियों के लिए ये समय वरदान जैसा होगा. लड्डू गोपाल की विशेष कृपा इन राशियों के लोगों को मिलेगी और सभी अटके काम बनेंगे.
लेकिन याद रहे कि इस दिन लड्डू गोपाल को उनके प्रिय भोग लगाना ना भूले. जैसे मक्खन मिश्री का भोग-ये लड्डू गोपाल को बेहद प्रिय है. यानि की सफेद मक्खन और मिश्री ये दोनों चीजें ही माखन मिश्री की तरह फोग लगयी जाती है. भोग में आप लड्डू गोपाल को पंजीरी भी अर्पित कर सकती है.आटे या धनिया की पंजीरी ज्यादा लोकप्रिय है.
आप चाहें तो मखाने की खीर भी लड्डू गोपाल को खिला सकते हैं. इसके लिए मखाने और मेवे वाली खीर का भोग कान्हा को लगाते समय तुलसी का पत्ता इसमें जरूर डालें. ऐसा करने से प्रभु का आशीर्वाद मिलता है. लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक करें. इस पंचामृत को फिर प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. ऐसा किए बिना पूजा अधूरी ही मानी जाती है.
लड्डू गोपाल अगर किसी को सपने में दिखाई दें. तो शुभ संकेत के रूप में इसे दिखा जाता है. जैसे की अगर सपने में लड्डू गोपाल दिखे तो ये घर में खुशियों के आगमन का संकेत होता है. यानि की घर में बच्चे की किलकारी गूंजेगी.वहीं अगर सपने में लड्डू गोपाल हंसे तो इसका अर्थ आपके शत्रुओं के विनाश से हैं.
सपने में गुस्से में दिख रहे लड्डू गोपाल अशुभ संकेत देते हैं. यानि की आपसे पूजा पाठ में कोई गलती हुई है. जिसे तुरंत सुधारने की जरूरत है. वहीं अगर पालने में झूलते हुए लड्डू गोपाल दिखें तो ये कार्य में सफलता का संकेत कहा जा सकता है. ऐसे ही अगर किसकी बीमार को सपने में लड्डू गोपाल दिखें तो उसकी बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है.