रामायण की 8 चौपाइयों का जाप करने से मिटती है दरिद्रता, नवरात्रि से शुरू करें जाप
रामायण मानव जीवन को सत्य भक्ति के साथ जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। लेकिन कई विद्वान लोग रामायण के पाठ के अन्य फायदे भी बताते हैं। कथा वाचक विजय कौशल महाराज के अनुसार, जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए रामायण यानी श्री रामचरित मानस की 8 चौपाइयों का रोजाना पाठ करना चाहएि। इन चौपाइयों का रोजाना श्रद्धापूवर्क जाप करने जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती। यानी ये चौपाइयां घर परिवार में खुशहाली लाने के लिए मंत्र का काम करती हैं।
उन्हाेंने एक कथा के दौरान कहा कि इन चौपाइयों के पाठ से अमीरी कितनी आएगी ये तो नहीं बता सकते लेकिन गरीबी कभी नहीं आएगी।
आपको बता दें कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस के अयोध्या कांड के शुरू में ही राम विवाह से जुड़ी ये चौपाइयां हैं। श्रद्धालु चाहें ते नवरात्रि से इनका जाप शुरू कर सकते हैं।
अयोध्या कांड
दोहा–
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
चौपाई 1-
जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।।
भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।
चौपाई 2-
रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।
मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।
चौपाई 3-
कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।।
सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी।।
चौपाई 4-
मुदित मातु सब सखीं सहेली। फलित बिलोकि मनोरथ बेली।।
राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ। प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।।
दोहा
सब कें उर अभिलाषु अस कहहिं मनाइ महेसु।
आप अछत जुबराज पद रामहि देउ नरेसु।।
चौपाई 5-
एक समय सब सहित समाजा। राजसभाँ रघुराजु बिराजा।।
सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।
चौपाई 6-
नृप सब रहहिं कृपा अभिलाषें। लोकप करहिं प्रीति रुख राखें।।
वन तीनि काल जग माहीं। भूरिभाग दसरथ सम नाहीं।।
चौपाई 7-
मंगलमूल रामु सुत जासू। जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।
रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा। बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।।
चौपाई 8-
श्रवन समीप भए सित केसा। मनहुँ जरठपनु अस उपदेसा।।
नृप जुबराजु राम कहुँ देहू। जीवन जनम लाहु किन लेहू।।