जगदलपुर
बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के भेजरीपदर गांव में मूल धर्म को छोड़कर ईसाई धर्मांतरित परिवार की एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने गांव में उसके शव को दफनाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ता देख मृत महिला के परिजनों ने शव को पुलिस को सौंप दिया था। जब पुलिस ने शव दफनाने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई जिसके बाद जिला मुख्यालय से अतिरिक्त बल को भी मौके के लिए बुलाया गया। जिसके बाद शव को दफना दिया गया। इसके नाराज भेजरीपदर ग्रामीणों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर दफनाए गए शव को वापस निकालने की मांग की है। इस विवाद के चार दिन दिन बाद भी गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जिसे देखते हुए भेजरीपदर गांव को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। एसडीओपी एश्वर्य चन्द्रा ने बताया कि कुछ लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भेजरीपदर गांव के 3 किमी के दायरे में 6 डीएसपी, 10 टीआई और करीब 400 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। प्रशासन की पूरी टीम तनावपूर्ण माहौल को शांत करने में लगी हुई है। स्कूल भवन के अंदर जवानों ने तंबू लगाकर डेरा जमा रखा है। भेजरीपदर गांव के ग्रामीण कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। भेजरीपदर के आदिवासियों की मांग है कि, जिस धर्मांतरित महिला के शव को गांव में दफनाया गया है उसे वापस निकाला जाए। या फिर महिला का पूरा परिवार मूल धर्म में लौट आए। अगर ऐसा होता है तो विरोध खत्म कर देंगे। हालांकि, दूसरे पक्ष के लोग बात मानने से इनकार कर रहे हैं। गुरूवार को भी यही स्थिति बनी हुई है।
तोकापाल एसडीएम ऋतुराज सिंह बिसेन ने बताया कि दफनाए गए शव को वापस निकालने ग्रामीणों की तरफ से ज्ञापन मिला है। यह मामला न्यायालय से संबंधित है, इसलिए हमारी तरफ से इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है। उन्होने बताया कि गांव की आबादी करीब 1100 की है, दोनों समुदाय के लोगों की संख्या लगभग बराबर ही है, 20 मार्च से प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद हैं। जब तक माहौल पूरी तरह से शांत नहीं होता तब तक पुलिस फोर्स यहीं रहेगी।