सामूहिक अवकाश के बाद, अब प्रदेश के 19 हजार पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल
भोपाल
तीन दिन से सामूहिक अवकाश पर चल रहे प्रदेश के 19 हजार पटवारी अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। अपनी मांगों को लेकर पटवारियों ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पटवारियों के हड़ताल पर जाने के कारण नामांतरण और जाति प्रमाण पत्र जैसे कई काम अटक गए हैं। पटवारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जातीं जब तक वे हड़ताल पर रहेंगे। पटवारियों ने प्रदेश सरकार को 11 बजे तक मांगो पर विचार करने का अल्टीमेटम दिया था। इधर कांग्रेस ने पटवारियों की हड़ताल के बीच कांग्रेस की सरकार बनने पर पटवारियों यों का ग्रेड पे 2800 से 3200 करने का ऐलान कर दिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले 3 दिवसीय सामूहिक अवकाश और तिरंगा यात्रा के माध्यम से पटवारी अपनी मांगों को सरकार के सामने रख चुके हैं, बावजूद इसके मांगों पर विचार नहीं किया गया है, इसी के चलते पटवारी 28 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। पटवारियों का कहना है कि पिछले 25 सालों में वेतनमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वर्ष 1998 में निर्धारित किए गए वेतनमान के अनुसार ही वर्तमान वर्ष 2023 में वेतन दिया जा रहा है। विगत 25 वर्ष में प्रदेश के पटवारियों के वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई है, लेकिन राजस्व विभाग एवं उसकी पद स्थापना वाले भू-अभिलेख विभाग के सभी पदोन्नत पदों के वेतनमान में कई बार वृद्धि की गई। पटवारी वेतनमान पे ग्रेड 2800 के लिए वर्ष 2007 पटवारी महाअधिवेशन सनावद में घोषणा की गई थी, राजस्व मंत्री ने भी इसे बढ़ाने का लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है।
प्रदेशभर के चयनित शिक्षकों ने की नारेबाजी
राजधानी भोपाल में धरना प्रदर्शन कर रहे शिक्षक वर्ग-3 के 882 अभ्यार्थियों ने आज धरना देकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। जब अभ्यार्थी आगे बढ़ तो पुलिस बल ने रोक दिया। इसके बाद वे वहीं बैठकर नारेबाजी करने लगे। प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 परीक्षा 2020 में सिलेक्ट हुए ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थी राजधानी भोपाल में तंबू लगाकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन करने से पहले ओबीसी के चयनित अभ्यार्थियों ने आवेदन देकर बताया कि द्वितीय काउंसलिंग में ओबीसी अभ्यार्थियों की भर्ती विभाग द्वारा जिला रोस्टर के आधार पर न करके मनमाने ढंग से की गई और इस भर्ती में आरक्षण संबंधी कोई भी विवाद न्यायालय के अधीन नहीं है।