अयोध्या राम मंदिर: अक्तूबर तक तैयार होंगे रामलला के तीनों विग्रह, इन्हीं में से एक की होगी प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या
अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि में निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में विराजित होने वाले रामलला के विग्रहों का निर्माण अक्तूबर में पूरा हो जाएगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय मासिक बैठक में शुक्रवार को इनका निर्माण कर रहे मूर्तिकारों ने प्रगति की समीक्षा के दौरान यह दावा किया है। इन्ही तीन विग्रहों में से सर्वोत्तम की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी में की जाएगी। भवन निर्माण समिति की अलग-अलग सत्रों में हुई बैठकों में मूर्तिकारों ने विग्रहों से जुड़ी जानकारी दी।
तीर्थ क्षेत्र ने देश के तीन मूर्धन्य मूर्तिकारों को अलग-अलग पाषाण खंड से विग्रहों के निर्माण का जिम्मा सौंपा है। यह तीनों ही विशेषज्ञ मूर्तिकार अयोध्या में ही अलग-अलग नियत स्थानों पर विग्रहों के निर्माण में पूरी तन्मयता से जुटे हैं। श्रीरामजन्मभूमि परिसर में एलएंट टी के अस्थायी कार्यालय में चल रही बैठक के बाद श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने भी इस तथ्य की पुष्टि की। देश भर से 12 बड़ी शिलाओं में से छांट कर तीन ब़ड़ी शिलाओं से विग्रहों का निर्माण चल रहा है।
देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगी राज एक बड़े पाषाण खंड से एक विग्रह का निर्माण कर रहे हैं। इसी तरह से प्रोफेसर गणेश भट्ट कृष्ण शिला से निर्माण कर रहे हैं। वहीं जयपुर के मूर्तिकार के सत्यनारायण पांडेय मकराना मार्बल से विग्रह का निर्माण कर रहे हैं। बैठक में तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा.अनिल मिश्र, अयोध्या नरेश विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, जगदीश आफले, सीबीआरआई के पूर्व निदेशक एके मित्तल, एलएण्ड की के परियोजना निदेशक वीके मेहता, टीईसी के परियोजना निदेशक बीके शुक्ल व अन्य मौजूद रहे। कहा गया है कि दिसम्बर 2023 तक पूरे कराए जाने वाले कामों व उनकी प्राथमिकता के साथ कठिनाइयों पर भी बैठक में मंथन हुआ।