भोपालमध्यप्रदेश

स्नेह यात्रा में संकीर्णताओं की बाधाओं को तोड़ रही है समरसता की धारा

भोपाल

स्नेह यात्रा का नवां दिन

प्रदेश के सभी जिलों में स्नेह यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे जन-सहभागिता और लोगों में उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। अब तक 4000 किलोमीटर से अधिक चल चुकी यात्रा में 7 लाख से अधिक लोग सहभागी बन चुके हैं। यात्रा में शामिल लोगों की पूज्य संतों के प्रति श्रद्धा और आस्था देखते ही बनती है। आसपास के गाँवों के लोग भी यात्रा में निरंतर शामिल हो रहे हैं। संत सभी को समझाते हैं कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं। ईश्वर ने इंसानों में कभी भेद नहीं किया। हमे भी ईश्वर के बताए समानता और सद्भावना के मार्ग पर चलना चाहिए।

गीता और तुलसी का हो रहा वितरण

स्नेह यात्रा के दौरान संतजन संपर्क में आने वाले लोगों को रूद्राक्ष, रूद्राक्ष की माला, तुलसी के पौधे, तुलसी की माला, रामचरितमानस और सुंदरकांड की लघु पुस्तिकाएँ, श्रीमद भागवद गीता और अन्य धर्म केन्द्रित साहित्य वितरित कर रहे हैं। संतजन कहते हैं कि भगवान राम हो या कृष्ण, शबरी और सुदामा के बिना अधूरे हैं। संतजनों द्वारा दी जा रही भेंट को लोग बड़ी आस्था से अपने घर के देव-स्थलों में रख रहे हैं।

मुख्यमंत्री चौहान संतों से निरंतर संपर्क में

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्नेह यात्रा में संतजनों के निरंतर संपर्क में हैं। संतों से यात्रा के फीडबैक के रूप में उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद भी किया। सभी संतजनों ने इस यात्रा को अभूतपूर्व बताते हुए इसे एक श्रेष्ठ प्रयास बताया। संतजनों ने कहा कि यात्रा में जो श्रद्धा और स्नेह आमजन से मिल रहा है वह अभिभूत कर देने वाला है। इस यात्रा में हम भी बहुत कुछ सीख रहे हैं। संतों का विचार है कि इस प्रयास को निरंतरता प्रदान की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने आस्वस्त किया कि यह प्रयास भविष्य के एक महाभियान की शुरूआत बनेगा। मुख्यमंत्री ने यात्रा में समय और आत्मीयता प्रदर्शन के लिए संतजनों का आभार जताया।

राम चरित मानस पाठ से वातावरण हुआ भक्तिमय

यात्रा के साथ संकीर्तन और गायन-वादन हो रहा है। अनेक स्थलों पर दोपहर और शाम को सहभोज में संकीर्तन के साथ-साथ रामचरित मानस के अंशों के पाठ से वातावरण भक्तिमय हो रहा है।

बुराइयों को छोड़ने का लिया जा रहा संकल्प

स्नेह यात्रा सभी वर्गों को आत्मीयता के सूत्र में पिरोने के साथ-साथ बड़े सामाजिक परिवर्तन का माध्यम भी बन रही है। लोगों को संत अपने सान्निध्य में साफ-सफाई, स्वच्छता, नशा-मुक्ति, सदाचार और सात्विक आहार और जीवन-शैली के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। लोग पर्यावरण-संरक्षण के लिए पौध-रोपण और संरक्षण की शपथ ले रहे हैं।

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी और संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 16 से 26 अगस्त तक निकाली जा रही स्नेह यात्रा का संयोजन मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद के माध्यम से किया जा रहा है। यात्रा में सहभागी संगठन अखिल विश्व गायत्री परिवार, रामचंद्र मिशन, योग आयोग संस्थान, पतंजलि योग पीठ एवं आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास हैं। स्थानीय स्तर पर कार्यरत धार्मिक और सांस्कृतिक संगठन भी यात्रा में बढ़-चढ़ कर यात्रा में सहभागिता कर रहे हैं। यात्रा की भव्यता और सहभागिता दोनों ही निरंतर बढ़ रही है।

 

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