नए निवेश में यूपी टॉपर, गुजरात भी शीर्ष-5 में, केरल और असम सबसे नीचे
नई दिल्ली
साल 2022-23 के दौरान किए गए कुल बैंक-सहायता प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से आधे से अधिक पांच राज्यों से हैं। इस दौरान बैकों के ब्याज दरों में इजाफा होने के बावजूद कुल निवेश योजनाओं में 352,624 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पूंजी परिव्यय के साथ 79.50 फीसदी की वृद्धि हुई। यह 2014-15 के बाद से सबसे अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022-23 के दौरान 547 परियोजनाओं को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सहायता मिली। कुल परियोजना लागत रिकॉर्ड 2,66,547 करोड़ रुपये रही। जबकि, 2021-22 के दौरान 1,41,976 करोड़ रुपये की लागत वाली 401 परियोजनाओं को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सहायता मिली। आरबीआई टीम द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि 2022-23 में 87.7 फीसदी की वृद्धि हुई है। अध्ययन में कहा गया है, "बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं की अनुमानित कुल लागत 2014-15 के बाद से 2022-23 के दौरान एक नए शिखर पर पहुंच गई।"
नए निवेशों के टॉप-5 स्टेट
उत्तर प्रदेश 16.2 फीसदी या 43,180 करोड़ रुपये
गुजरात (14 फीसदी या 37,317 करोड़ रुपये)
ओडिशा का (11.8 फीसदी)
महाराष्ट्र (7.9 फीसदी)
कर्नाटक (7.3 फीसदी)।
उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक ने 2022-23 के दौरान कुल परियोजना लागत में 57.2 फीसदी हिस्सेदारी ( 2,01,700 करोड़ रुपये) का योगदान दिया। आरबीआई के अध्ययन में कहा गया है कि 2021-22 के दौरान हिस्सेदारी 43.2 फीसदी से अधिक है। परियोजनाओं की कुल लागत में उत्तर प्रदेश और ओडिशा की हिस्सेदारी में पिछले वर्ष के साथ-साथ 2013-14 से 2020-21 की अवधि के दौरान दर्ज की गई औसत हिस्सेदारी में काफी सुधार हुआ है।
कुल मिलाकर, 2022-23 के दौरान 3,52,624 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पूंजी परिव्यय के साथ 982 परियोजनाओं की निवेश योजनाएं बनाई गईं। गौरतलब है कि नए निवेश में वृद्धि ऐसे समय में हुई है, जब आरबीआई ने अप्रैल 2022 से रेपो रेट (वह रेट, जिस पर आरबीआई बैंकों को उधार देता है) को 250 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया है। वृद्धि के बावजूद, कर्ज लेने में वृद्धि हुई है जुलाई 2023 तक 19.7 फीसदी की वृद्धि, साल-दर-साल 24.33 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई।
केरल, गोवा और असम सबसे नीचे
बैंक-सहायता प्राप्त परियोजनाओं में केरल, गोवा और असम सबसे कम नए निवेश प्राप्त करने में लिस्ट में सबसे नीचे हैं। केरल को कुल निवेश योजनाओं का केवल 0.9 फीसदी (2,399 करोड़ रुपये) प्राप्त हुआ। असम को सिर्फ 0.7 फीसदी और गोवा को 0.8 फीसदी मिला। हरियाणा और पश्चिम बंगाल भी कई निवेश परियोजनाएं प्राप्त करने में विफल रहे, जो कुल परियोजनाओं का लगभग एक फीसदी या 2,665 करोड़ रुपये है।