कांग्रेस के बाद भाजपा चुनाव समिति की बैठक, MP-छत्तीसगढ़ पर हुआ मंथन; बना खास प्लान
नई दिल्ली
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने बुधवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव तैयारियों को लेकर अहम बैठक की। बैठक के दौरान राज्य और केंद्र में पार्टी सरकारों की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के पार्टी नेताओं से "कमजोर सीटों" पर ध्यान केंद्रित करने और विभिन्न माध्यमों से लोगों के साथ संवाद जारी रखने को कहा। सूत्रों ने कहा कि पीएम ने सभी राज्य नेताओं से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर काम करने को कहा। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से से जुड़ी ये बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सरकारी योजनाओं के प्रभाव को अधिकतम करने के तरीकों पर चर्चा हुई।
बता दें कि भाजपा की बैठक से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी की दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की जिसमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में खरगे और राहुल गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं के बीच एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बुधवार को यहां बैठक हुई जिसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों और भावी रणनीति पर चर्चा की गई। सूत्रों ने कहा कि सीईसी सदस्यों ने चुनावी तैयारियों का जायजा लिया। इससे पहले, दोनों राज्यों के नेताओं की ओर से जमीनी रिपोर्ट साझा की गई। सूत्रों ने बताया कि पार्टी उन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां उसे एक मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उसका मानना है कि वह मजबूत उम्मीदवारों के चयन सहित कुशल रणनीति के साथ बाजी अपने पक्ष में बदल सकती है।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह तथा अमित शाह सहित सीईसी के अन्य सदस्य मौजूद थे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा दोनों राज्यों के संगठन से जुड़े कुछ प्रमुख नेता भी बैठक में शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि इसी तरह की सीईसी बैठकें अन्य राज्यों के लिए भी आयोजित की जा सकती हैं।
सीईसी की बैठक आयोजित करने का पार्टी का निर्णय आम तौर पर चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही होता है। अभी इस बैठक का आयोजन इस बात को रेखांकित करता है कि पांच राज्यों के चुनाव भाजपा के लिए कितना महत्व रखते हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य विधानसभा चुनावों का यह अंतिम दौर होगा। सूत्रों ने कहा कि यह बैठक बुलाया जाना इस बात का भी संकेत है कि राज्यों के चुनाव प्रचार अभियान में केंद्रीय नेतृत्व की अधिक भागीदारी हो सकती है।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। भाजपा केवल मध्य प्रदेश में सत्ता में है और राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार है जबकि तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सरकार है।