टैक्सी के बिल में भोज विवि के 2 अधिकारी ने किया गड़बड़झाला
भोपाल
भोज मुक्त विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक प्रवीण जैन के खिलाफ जांच करने वाले दो अधिकारियों ने इंदौर से वापसी की है। उन्होंने एक ही गाड़ी से ट्रैवल किया है और बिल अलग-अलग लगा दिए हैं। इससे भोज विवि में आर्थिक गबन हुआ है। इसकी जांच करने की वजह उसके भुगतान तक कर दिए गए हैं। इसका खुलासा आरटीआई से मिले दस्तावेजों से हुआ है। अनिल कुमार पारे और रविंद्र कुमार गुप्ता के इन बिलों की चर्चा यूनिवर्सिटी में हो रही है।
जांच की मांग
जांच अधिकारी अनिल कुमार पारे और रविंद्र कुमार गुप्ता द्वारा फर्जी बिल लगाकर 25 हजार 600 रुपये का भुगतान लिया गया है। इस आर्थिक गबन में विवि के अधिकारियों की मिलीभगत बताई जा रही है। इस संबंध में विवि में शिकायत दर्ज कर अधिकारियों पर कार्रवाई और जांच अधिकारियों को किए गए भुगतान को वापस करने की मांग की गई है।
इंदौर से भोपाल की थी यात्रा
दोनों अधिकारियों ने इंदौर से भोपाल वापसी करते समय चार पहिला वाहन एमपी 09 सीएक्स 4400 से ट्रेवल किया है। दोनो अधिकारियों ने एमपी 09 सीएक्स 4400 से 25 हजार 600 रुपये दो अलग-अलग बिल तैयार कर भोज विवि में लगा दिए। क्लर्क से लेकर आडिट तक ने दोनों बिलों का मिलान किए बिना ही बिलों का भुगतान किया है।
टोल नाको का नहीं कोई प्रमाण
विवि से आरटीआई में मिले दस्तावेजों से स्पष्ट हो रहा है कि इंदौर से भोपाल के 200 किमी के दायरे में पढ़ने वाले आठ टोल नाकों के भुगतान का भी कोई प्रमाण नहीं दिया गया है। यहां तक जांच अधिकारियों को टोल में मिलने वाली रियायत का कोई उल्लेख किया गया है। इससे उनके बिलों का फर्जी होने का संदेह हो रहा है।
64 करोड़ के घाटे का बजट पास
भोज विवि में महाप्रबंधक बोर्ड की बैठक में 64 करोड़ रुपए के घाटे का बजट प्रस्तुत किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा फोकस विद्यार्थियों को आनलाइन सुविधाएं देने पर ध्यान दिया गया है। बैठक में नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया गया है। रजिस्ट्रार अनिल कुमार शर्मा का कहना है कि सत्र 2022-23 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति के तहत परीक्षा पास करना होगी। उन्हें क्रेडिट हासिल करने के लिए आनलाइन अध्ययन करना होगा।