दरवाजे पर बिछाई रेड कार्पेट, दादा ने बरसाए फूल; दिल खुश कर देगा सिख फौजी का ऐसा स्वागत
नई दिल्ली
हमारी सेनाओं के प्रति प्यार और सम्मान केवल सैनिकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सीमा पर सेवा कर रहे सैनिकों के परिवारों के बीच भी वही प्यार और सम्मान देखने को मिलता है। ऐसा ही एक खूबसूरत पल इंटरनेट पर 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देखने को मिला। एक सैनिक का उसके परिवार द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। सैनिक बनकर लौटे अपने बेटे को वर्दी में देख परिवार का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उनके चेहरे पर गर्व और खुशी वीडियो में साफ झलक रही है। दिल छू लेने वाली ये क्लिप तेजी से वायरल हो रही है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक नौजवान फौजी अपने परिजनों के साथ कार से उतरता है और देखता है कि उसके परिवार वालों ने दरवाजे तक रेड कार्पेट बिछाई हुई है। फौजी रेड कार्पेट पर मार्च-पास्ट करता हुआ अपनी मां के पास जाता और गले लगने से पहले उन्हें सैल्यूट करता है। इसके बाद वह घुटनों पर बैठकर उनके पैर चूमता है।
बगल में डंडे का सहारा लिए खड़े एक बुजुर्ग के हाथों में सफेद फूल हैं। नौजवान फौजी जैसे ही उनसे गले मिलता है वैसे ही वे उसके ऊपर फूल बरसाने लगते हैं। साथ ही और लोग भी फौजी पर फूल बरसाते नजर आ रहे हैं। वे 'वाहे गुरु' भी बोलते हैं। इसके बाद वह फौजी, एक-एक कर सभी को सैल्यूट करता है और जय हिंद बोलते हुए गले लगता है। वीडियो में परिवार की खुशी और गर्व के उस लम्हे को साफ देखा जा सकता है।
वीडियो देख लोगों की आंखों में खुशी के आंसू हैं। शौर्य चक्र (सेवानिवृत्त) मेजर पवन कुमार ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "भारतीय सेना का सिपाही बनने पर ग्रामीणों, रिश्तेदारों और मिट्टी के इस युवा बेटे में गर्व देखें। नाम, नमक, निशान: जिसके लिए वह आखिरी दम तक लड़ेगा, यह इतना स्पष्ट है कि क्या कोई राष्ट्र कभी असफल हो सकता है अगर हमने ऐसे सैनिकों को अपनी रक्षा के लिए प्रेरित किया हो?"
संदीप थापर नामक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "इस परिवार के लिए गर्व का पल जब उनका नौजवान (बेटा) सैनिक बना है। जब तक 'नमक, नाम और निशान' की परंपरा हमारी रगों में है, तब तक हमारा देश सुरक्षित है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।" बता दें कि 'नमक, नाम और निशान' भारतीय सेना का लोकाचार (ethos) है। यह भारतीय सैनिकों से अपने देश के अच्छे नाम, उनके द्वारा ग्रहण किए गए नमक और राष्ट्रीय ध्वज/रेजिमेंटल मानक की महिमा को सर्वोच्च बनाने की सीमा तक प्रयास करने का आह्वान करता है।