शिक्षा विभाग का ऑफिस या ट्रांसफर की प्रयोगशाला, छह माह में क्यों बदल गए 6 DEO?
बिहार
बिहार के सीतामढ़ी जिले का शिक्षा विभाग इन दिनों अपने मुखिया के बार-बार तबादले को लेकर चर्चा में है। यहां बीते छह महीने में छह डीईओ बदले जा चुके हैं। आलम यह है कि बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले इस महकमे का जिम्मा हर माह नए अफसर के हाथ में चला जा रहा है। इससे न केवल स्कूलों की व्यवस्था ढीली हो गई है बल्कि विभाग में पेडिंग मामलों का भी पहाड़ लगता जा रहा है। बिहार सरकार राज्य में शिक्षा की व्यवस्था को पटरी पर लाना चाहती है। लेकिन, बार बार अधिकारी का तबादला समझ से पड़े है।
विभाग द्वारा जिले में बिहार शिक्षा सेवा में पदस्थापित तत्कालीन डीईओ अवधेश प्रसाद सिंह के 31 जनवरी को सेवानिवृत्ति के बाद पड़ोसी जिले शिवहर के डीईओ डॉ. ओम प्रकाश को प्रभारी डीईओ बनाया गया। इस बीच, मार्च में विभाग द्वारा जिले के तत्कालीन वरीय डीपीओ संजय कुमार देव कन्हैया को प्रभारी डीईओ बनाया गया। हालांकि, उनके प्रभार लेने से चंद घंटे पहले ही निगरानी की कार्रवाई में उनकी गिरफ्तारी हो गयी।
इसके बाद पुन: विभाग ने पूर्व प्रभारी डीईओ डॉ. ओमप्रकाश को ही प्रभारी बनाने का आदेश जारी कर दिया। गत 24 जून को पुन: विभाग ने अधिसूचना जारी कर जिले के वरीय डीपीओ डॉ. अमरेन्द्र कुमार पाठक को वित्तीय अधिकार समेत डीईओ का प्रभार दिया। इस बीच, फिर से विभाग ने बीते सात अगस्त को आदेश जारी कर एससीईआरटी पटना में पदस्थापित उपनिदेशक प्रमोद कुमार साहू को वित्तीय अधिकार समेत सीतामढ़ी का डीईओ प्रतिनियुक्त किया है।
संघ से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि हर माह अफसर बदलने से काफी दिक्कतें आ रही हैं। नए अफसर अपने अनुसार ऑफिस में कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी बदल देते हैं। ऐसे में जो काम दो दिनों में होना चाहिए, वह दो महीने में भी नहीं हो पा रहा है। लोगों को विभाग का चक्कर लगाना पड़ रहा है। डीईओ बार-बार बदलने से नियमित शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण, एमएसीपी का प्रमोशन समेत कई महत्वपूर्ण कार्यों के समय पर निष्पादन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, नव प्रतिनियुक्त डीईओ श्री साहू ने कार्यभार संभाल लिया है। लोगों को उम्मीद है कि नये डीईओ स्थायी तौर पर काम करेंगे ताकि विभाग के कामकाज तेजी आ सके।