रायपुर
उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस तथा फाइलेरिया से बचाव के लिए सामूहिक दवा सेवन अभियान का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपने एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को कृमिनाशक दवा खिलाने का आह्वान किया। उप मुख्यमंत्री ने फाइलेरिया से बचाव के लिए सात जिलों में चलाए जा रहे सामूहिक दवा सेवन अभियान को भी सक्रिय सहभागिता से सफल बनाने की अपील संबंधित जिलों के लोगों से की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदिपान, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. वी.आर. भगत और फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. जी.जे. राव भी शुभारंभ कार्यक्रम में आॅनलाइन मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री श्री सिंहदेव ने दोनों अभियानों का शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य शासन फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आज से सात जिलों दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, जांजगीर-चांपा, सक्ती, महासमुंद और मुंगेली में सामूहिक दवा सेवन अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। यह अभियान 21 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार सभी लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। वेक्टरजनित रोगों के उन्मूलन के लिए हम गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। श्री सिंहदेव ने उम्मीद जताई कि केंद्र स्तर, राज्य स्तर, विकासखंड स्तर और ग्राम स्तर पर किए जा रहे समन्वित प्रयासों से राज्य से फाइलेरिया का सम्पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित होगा।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत आज राज्य के सभी जिलों में एक वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों एवं किशोरों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल 400 मि.ग्रा. की गोली का सेवन कराया गया। आज दवा खाने से छूट गए बच्चों को 17 अगस्त को माप-अप दिवस पर इसका सेवन कराया जाएगा। प्रदेश भर में बच्चों को दवा खिलाने के लिए 48 हजार 717 शि़क्षकों और 45 हजार 374 आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं को प्रशिक्षित किया गया है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का कुपोषण मुक्त भारत एवं एनीमिया मुक्त भारत में अहम योगदान है।
फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं को सेंसिटाइज किया गया है। इसकी दवा के सेवन से प्रतिकूल घटना होने की संभावना बहुत कम होती है। जिन लोगों में कृमि या फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, आमतौर पर उन्हें ही जी मिचलाने, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त, थकान जैसे साइड इफेक्टस होते हैं। किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना से निपटने सभी स्तर के अधिकृत अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। अभियान के तहत सात जिलों के 67 लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है।