INDIA के लिए पश्चिम बंगाल में एकजुटता जरूरी, लेकिन TMC की वाम दलों से दूरी; ममता भी खामोश
नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस को लेकर काफी सकारात्मक है। इंडिया गठबंधन की बैठकों में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है, पर बंगाल में गठबंधन को लेकर वह खामोश हैं। वर्ष 2024 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस वाम दलों के साथ खड़ी नहीं होना चाहती। इसलिए, गठबंधन दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर रही है। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीट हैं। वर्ष 2024 के चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत के लिए पश्चिम बंगाल में बेहतर प्रदर्शन करना बेहद जरूरी है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि गठबंधन के घटक दलों में कुछ दिक्कतें हैं, पर चुनाव में अभी वक्त है। हम आपस में चर्चा कर कोई न कोई रास्ता निकाल लेंगे। इसके लिए घटकदल कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
भाजपा का बढ़ता वोट प्रतिशत चुनौती
पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थानीय निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है, पर इसके बावजूद लोकसभा चुनाव उनके लिए बड़ी चुनौती है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने वोट प्रतिशत में करीब 23 फीसदी की वृद्धि करते हुए 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
घटक दल मिलकर लड़ें
पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें जीतीं थीं और 19 सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी। वहीं, कांग्रेस ने दो सीट जीतीं और एक सीट पर दूसरे नंबर पर रही। पार्टी के एक नेता ने कहा कि इंडिया के घटकदल एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं, तो तस्वीर बदल सकती है। क्योंकि, 2014 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 34 सीट मिली थी। हम सभी को मिलकर इस लक्ष्य को फिर हासिल करना है।
दोस्ताना मुकाबले का फॉर्मूला संभव
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम दल आपस में दोस्ताना मुकाबले के फॉर्मूले पर भी विचार कर रहे हैं। ऐसा होता है कि तीनों पार्टियां आपस में तालमेल कर एक-दूसरे के खिलाफ डमी उम्मीदवार उतार सकते हैं। इसके साथ यह विकल्प भी खुला है कि तृणणूल कांग्रेस और कांग्रेस आपस में समझौता करें। बाद में कांग्रेस अपने हिस्से में आई सीट से कुछ सीट वाम दलों को दे दे। पार्टी के एक नेता के मुताबिक, यह सिर्फ एक विकल्प है। इंडिया गठबंधन में अभी इस मुद्दे पर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है।