धमतरी
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर 09 अगस्त को छत्तीसगढ़ के विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह कमार को एक विशेष तोहफा देते हुए उन्हें पयार्वास अधिकार मान्यता पत्र वितरित किए। प्रदेश में पहली बार विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह को पयार्वास अधिकार प्रदान किया गया।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य बन गया है, जहां विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह को पयार्वास अधिकार दिया गया है। इसी तरह कमार जनजाति समूह प्रदेश का पहला जनजाति समूह है, जिसे राज्य शासन द्वारा पयार्वास अधिकार मिला है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 9 अगस्त को अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में धमतरी जिले के मगरलोड विकासखण्ड अंतर्गत स्थित मगरलोड पाली/उपक्षेत्र (परंपरागत क्षेत्र) के 22 कमार पारा/टोला के मुखिया को पयार्वास अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किए। जिले की ओर से मुख्यमंत्री के हाथों पयार्वास अधिकार मान्यता पत्र जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कुसुमलता साहू, सुश्री कांति कंवर, श्री मनोज साक्षी सहित हितग्राही श्री रतनू कमार, श्री नरेश कमार, श्री सुकलाल, श्री भानूराम, श्री चन्द्रहास, श्री पूरन, श्री गंगूराम, श्री बैसाखूराम और श्री शिवकुमार कमार ने प्राप्त किया।
इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री श्री मोहन मरकाम, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी सहित, कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग धमतरी श्रीमती रेशमा खान मुखिया उपस्थित थे।
मगरलोड-पाली के परिवारों को मिला पयार्वास अधिकार
प्रदेश में पहली बार धमतरी जिला के विकास खंड मगरलोड अंतर्गत 22 पी.व्ही.टी.जी. पाली के 448 परिवार के 1658 व्यक्तियों को पयार्वास अधिकार मुख्यमंत्री द्वारा 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रदाय किया गया। उक्त पयार्वास अधिकार पी.व्ही.टी.जी समुदाय को प्राप्त होने पर समुदाय के प्रथागत व्यवस्थाओं, संस्कृति के साथ पारम्परिक अधिकारों को शासकीय दस्तावेज में अभिलिखित करने तथा सुरक्षा, संरक्षण एवं संवर्धन में सहयोग मिलेगा। वहीं पीढि?ों से चली आ रही पारम्परिक आजीविका और पारिस्थितिकी ज्ञान की सुरक्षा और संवर्धन, विभिन्न विभागों की योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से शासन द्वारा इन क्षेत्रों का सशक्तिकरण, शासकीय सहयोग से क्षेत्रों के विकास हेतु स्वत: प्रेरित होने में सहयोग और पी.व्ही.टी.जी. विकास अभिकरण के माध्यम से समुदाय अनुकूल अधोसंरचना विकास में सहायक होगा।