उत्तरप्रदेशराज्य

RLD के विधायकों की CM Yogi से मुलाकात ने मचायी सियासी हलचल, जानिए क्या लग रही अटकलें

 लखनऊ
देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर यूपी की सियासत करवट ले रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से लड़ने वाला राष्ट्रीय लोकदल (RLD) क्या अब बीजेपी का दामन थामेगा। इसकी अटकलें पिछले कुछ महीने से लग रही हैं लेकिन बुधवार को रालोद के विधायकों की सीएम योगी से मुलाकात के बाद इन अटकलों को हवा मिलनी शुरू हो गई है। योगी ने की आरएलडी विधायकों से मुलाकात सत्र के दौरान योगी से रालोद विधायकों की हुई मुलाकात वर्तमान में यूपी विधानसभा का सत्र चल रहा है। इस दौरान सभी विधायक लखनऊ में मौजूद हैं।

 ऐसे में रालोद के विधायकों की सीएम योगी से मुलाकात के बाद अब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि रालोद 2024 के चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन करने का मन बना चुकी है। हालांकि रालोद के नेताओं का कहना है कि ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी। सीएम योगी केवल बीजेपी के सीएम नहीं हैं। वो पूरे राज्य के सीएम हैं। विधायक अपनी बातों को रखने के लिए उनसे मिले थे।

 पिछले दिनों जयंत के दो ट्विट काफी चर्चा में थे और इसको अखिलेश-जयंत के गठबंधन से जोड़कर देखा जा रहा था। दूसरी ओर संसद के मानसून सत्र के दौरान वोटिंग में शामिल न होकर भी जयंत ने सियासी अटकलों को हवा दे दी। हालांकि इसको लेकर रालोद ने साफ किया था कि जयंत वोटिंग में क्यों नहीं शामिल हो पाए थे। क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना चाहती है रालोद राय ने कहा कि पार्टी का पहला लक्ष्य लोकसभा चुनाव की तैयारी करना है और पार्टी उसमें लगी है। जल्द ही पश्चिमी यूपी के एक दर्जन लोकसभा सीटों पर पार्टी की बूथ कमेटियों का गठन हो जाएगा। पार्टी की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव में इतना वोट प्रतिशत हासिल किया जाए जिससे रालोद की पुरानी साख यानी क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दोबारा हासिल किया जा सके।

अखिलेश से रालोद मांग रही लोकसभा की 12 सीटें रालोद के सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव की सपा से आरएलडी का मोहभंग होने की एक वजह और भी है। दरअसल रालोद पश्चिमी यूपी में एक दर्जन सीटों पर अपनी जोरदार तैयारी कर रही है। रालोद की कोशिश है कि कम से कम सात सीटों पर चुनाव लड़े। रालोद के सूत्रों के मुताबिक क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दोबारा पाने के लिए रालोद को कम से कम चार लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करनी होगी। बिरयानी और खीर के बाद अब इस मुलाकात के क्या मायने आरएलडी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अखिलेश यादव ज्यादा से ज्यादा दो सीटें देने की ही मूड में हैं। जबकि पार्टी करीब सात सीटों पर अपनी तैयारी कर रही है। यदि समय रहते सपा ने यह डिमांड पूरी नहीं कि तो जयंत चौधरी एनडीए की तरफ जाने का भी विचार कर सकते हैं। इसलिए बिरयानी और खीर के बहाने की संदेश देने की काशिश की जा रही थी। लेकिन रालोद के विधायकों की इस ताजा मुलाकात ने उन अटकलों को हवा दी है जो कुछ महीने पहले शुरू हुईं थीं।

 पार्टी का दावा- बाढ़ और गन्ने के भुगतान को लेकर मिले थे विधायक इस बीच, राष्ट्रीय लोकदल विधान मंडलदल के सदस्यों ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने बताया कि रालोद विधायकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा देने ,बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करने गन्ना मूल्य में वृद्धि करने किसानों को फ्री बिजली देने त्वरित आर्थिक विकास योजना में सभी विधायकों को समान धन राशि आवंटित करने तथा आने क्षेत्रों की समस्याओं से अवगत कराया।
 

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