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SBI ने किया कमाल पिछड़ गई RIL, 20 साल में दूसरी बार किया मुकाम !

नईदिल्ली

वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने भारत की सबसे ज्यादा मुनाफे वाली कंपनी का ताज अपने सिर सजा लिया है. इस मुकाम तक पहुंचने में SBI ने देश की सबसे वैल्यूबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ दिया है. हाल ही में फोर्ब्स की 500 सबसे ज्यादा वैल्यूबल कंपनियों की लिस्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज को 88वां स्थान मिला था. SBI ने अप्रैल-जून तिमाही में 18,537 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल किया है, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज 16,011 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे से 2526 करोड़ रुपये ज्यादा रहा है.

20 साल में दूसरी बार SBI ने RIL को पीछे छोड़ा
बीते 20 बरसों में ये केवल दूसरा मौका है, जहां SBI ने पिछले बारह महीने (TTM) के आधार पर सबसे ज्यादा नेट प्रॉफिट हासिल किया है. इसके पहले वित्त वर्ष 2011-12 की जुलाई-सितंबर तिमाही में SBI का TTM 18,810 करोड़ रुपये रहा था, जबकि उस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ 18,588 करोड़ रुपये के करीब था. SBI ने भले ही दो बार रिलायंस इंडस्ट्रीज को मुनाफे के मामले में पीछे छोड़ दिया हो. लेकिन परंपरागत तौर पर RIL ने भारत की सबसे प्रॉफिटेबल कंपनी के टाइटल के लिए तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) जैसी ऑयल एंड गैस सेक्टर की दिग्गज सरकारी कंपनियों के साथ मुकाबला किया है.

इन दोनों कंपनियों में से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में नेट प्रॉफिट के मामले में RIL को पीछे छोड़ा था. जबकि वित्त वर्ष 2012 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही तक ओएनजीसी प्रॉफिट रैंकिंग में टॉप पर थी.

रूस-यूक्रेन युद्ध ने गिराई RIL की रैंकिंग
प्रॉफिटेबल कंपनियों की लिस्ट से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने टॉप पोजीशन इसलिए गंवाई है, क्योंकि उसके ऑयल-टू-केमिकल बिजनेस में रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स सेगमेंट में भारी गिरावट हुई है. इस मंदी की वजह  रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद ग्लोबल फ्यूल और पेट्रोकेमिकल मार्केट्स में कीमतों में हुए बदलाव को बताया जा रहा है. इसके असर से 2023-24 की पहली तिमाही में RIL का नेट प्रॉफिट 10.6 फीसदी कम होकर 16 हज़ार 11 करोड़ रुपये पर आ गया है जो पिछली 11 तिमाहियों में इसका सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा है. वहीं इस दौरान SBI ने तेज क्रेडिट ग्रोथ, कर्ज और डिपॉजिट की ब्याज दरों के बीच बढ़े हुए अंतर के साथ ही NPA घटाकर अपनी इनकम बढ़ाने में सफलता हासिल की है. इसके असर से वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में SBI का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 153.1 प्रतिशत बढ़ गया.

कोरोना के बाद बैंकिंग सेक्टर की तेज ग्रोथ
2018-19 की पहली तिमाही तक बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन काफी कमजोर नजर आ रहा था. लेकिन अब बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस यानी BFSI सेक्टर का भारतीय अर्थव्यवस्था में दबदबा बढ़ता जा रहा है. BFSI सेक्टर की कंपनियां अब कॉर्पोरेट मुनाफे में लगभग 35 फीसदी का योगदान करती हैं जो महामारी से पहले महज 10 प्रतिशत था. वहीं इस दौरान औद्योगिक और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों की कंपनियों का मुनाफा घटा है. उदाहरण के लिए, RIL के तेल रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल डिवीजन में चार साल की अवधि में टैक्स और ब्याज से पहले का मुनाफा स्थिर रहा है. RIL की आय में बढ़ोतरी की मुख्य वजह रिटेल और टेलीकॉम सर्विसेज जैसे नए सेगमेंट्स से हुई है। इसके बावजूद दूसरे सेगमेंट्स में RIL की कमाई घटने से 2023-24 की पहली तिमाही में RIL की इनकम 2020-21 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही की कमाई के समान थी.

 

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