IAS ऑफिसर निजी संस्थाओं से नगद या सुविधाओं के रूप में कोई आर्थिक लाभ नहीं ले सकेंगे
भोपाल
अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी आईएएस निजी निकायोें, संस्थाओं, संगठनों से पुरस्कार के रूप में नगद या सुविधाओं के रूप में कोई आर्थिक लाभ नहीं ले सकेंगे। वहीं पुरस्कार देने वाली ऐसी संस्थाओं की साख निर्विवाद होना चाहिए। केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के निर्देश के बाद मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने भी सभी आईएएस अधिकारियों को पत्र जारी कर इसका पालन करने के निर्देश दिए हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव धरणेन्द्र जैन ने प्रदेश के सभी आईएएस अधिकारियों को केन्द्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग नई दिल्ली द्वारा सरकारी निकायों, निजी संगठनों से पुरस्कार स्वीकार करने के संबंध में जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल केन्द्रीय कार्मिक एव्र प्रशिक्षण मंत्रालय की जानकारी में आया है कि अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्य निजी निकायों, संस्थाओं और संगठनों द्वारा दिए गए पुरस्कार, मान्यता स्वीकार कर रहे हैं और इसमें विभाग के जारी निर्देशों की वास्तविक भावना का पालन नहीं किया जा रहा है।
डीओपीटी का मानना है कि अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों के लिए निजी निकायों से पुरस्कार स्वीकार करना उचित नहीं है। सक्षम अधिकारी की स्वीकृति और उनके विचारण के बाद ये पुरस्कार लिए जा सकते हैं लेकिन इसमें किसी भी प्रकार से नगद या सेवाओं के रूप में आर्थिक लाभ नहीं लिया जाना चाहिए।
जीएडी सामान्य प्रशासन विभाग ने 4 अगस्त को प्रदेश के सभी आईएएस अधिकारियों को कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों की प्रति भेजी है। इसमें सभी को निर्देशित किया गया है कि निजी संगठनों से पुरस्कार स्वीकार करने के संबंध में जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
गौरतलब है कि कई आईएएस अफसर अनुमति नहीं होने के बाद भी सम्मान के साथ निजी संस्थाओं से नगद राशि पुरस्कार के रूप में प्राप्त कर रहे हैं। ऐसी जानकारियां आने के बाद जीएडी ने कड़ाई से इनका पालन करने को कहा है।
राज्य में विभाग के सचिव और केंद्र में कैबिनेट सचिव देंगे अनुमति
राज्य में सेवारत अधिकारियों के मामले में राज्य सरकार, केन्द्र में सेवारत अधिकारियों के मामले में संबंधित विभाग का सचिव और भारत सरकार के सचिवों के मामले में कैबिनेट सचिव सक्षम प्राधिकारी होंगे। सक्षम प्राधिकारी कुछ शर्तो पर पुरस्कार लेने की स्वीकृति दे सकता है। इनमें पुरस्कार नगद और सुविधाओं के रूप में आर्थिक लाभ न होने और निजी निकायों, संस्थाओं, संगठनों की साख निर्विवाद होने पर लेने की अनुमति दी जा सकेगी।