डाबर के शहद में कैंसर वाले केमिकल्स का दावा, कंपनी ने कहा- हमारा शहद सबसे शुद्ध
नई दिल्ली
डाबर इंडिया लिमिटेड के शहद में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल्स की मौजूदगी का दावा किया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, डाबर के शहद में कार्सिनोजेनिक मैटेरियल का अमाउंट लिमिट से ज्यादा है। हालांकि, कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) अंकुश जैन ने कहा है कि उनके प्रोडक्ट FSSAI और EGGMARK के स्टैंडर्ड के मुताबिक बनाए जाते हैं और पुरी तरह शुद्ध हैं।
HMF की मात्रा भी लिमिट से ज्यादा
रिपोर्ट के अनुसार, डाबर के शहद में HMF की मात्रा भी इंसान के पचा पाने की लिमिट से ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारे देश में डाबर जैसे बड़े ब्रांड भी शुद्ध शहद का दावा कर मिलावटी शहद बेच रहे हैं।अंकुश जैन ने कहा कि डाबर हनी का हर बैच रॉ-मटेरियल रिसीव करने से लेकर फाइनल प्रोडक्ट की पैकेजिंग तक FSSAI के मानकों के हिसाब से ही तैयार किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी को हाल ही में EGGMARK का एक स्पेशल नोट मिला है और हम कह सकते हैं कि डाबर भारत में सबसे शुद्ध हनी बनाता है।
क्या है HMF?
HMF एक ऑर्गेनिक कंपाउंड है जो मीठी खाने-पीने की चीजों में पाया जाता है। शहद में HMF का लेवल उसकी ताजगी का इंडिकेटर है। प्योर शहद में इसकी मात्रा 15mg होती है लेकिन इसकी मात्रा 40mg से ज्यादा होने पर शहद को जहरीला कर सकती है।
किन हालातों में बढ़ती है एचएमएफ की मात्रा
अमेरिका की नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन के अनुसार एचएमएफ की मात्रा शहद पुराना होने पर बढ़ जाती है। इसके साथ ही प्रोसेसिंग के दौरान गर्म करना, नमी, शुगर सीरप की मिलावट और स्टोर करने के लिए मेटल कंटेनर का इस्तेमाल शहद में हाईड्रॉक्सी मिथाइल फरफ्यूरल की मात्रा को बढ़ा देता है।
कंपनी के शेयर में 3% की गिरावट
इस मीडिया रिपोर्ट के बाद गुरुवार को डाबर का शेयर 556 रुपए पर ओपन हुआ और 1.82% की गिरावट के साथ 555 रुपए पर बंद हुए। हालांकि, कारोबार के बीच कंपनी के शेयर में 3% से ज्यादा की गिरावट देखी गई। पिछले 8 हफ्तों में कंपनी का यह सबसे निचला स्तर है।