पीएफआई टेरर केस में एनआईए की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, बिहार के चार और आरोपियों के नाम
पटना
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पटना के फुलवारीशरीफ पीएफआई मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। एनआईए ने मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) के रहने वाले चार और लोगों को इस केस में आरोपी बनाया है। इनका नाम मोहम्मद तनवीर, आबिद, बिलाल और इरशाद आलम है। इन सभी पर गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने, आतंकी ट्रेनिंग कैंप चलाने, हिंसा फैलाने के पीफएआई के एजेंडो को बढ़ाने और हथियार एवं गोला-बारूद इकट्ठा करने के आरोप हैं।
जांच में पता चला है कि चारों आरोपी अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए विदेश से भी फंड इकट्ठा कर रहे थे। एजेंसी ने बताया कि मोहम्मद आलम पीएफआई से जुड़ी एक आपराधिक सिंडिकैट का सदस्य है, जिसने समाज में नफरत फैलाने के इरादे से एक खास समुदाय को टार्गेट किया और एक युवक की हत्या की।
एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक केंद्र सरकार पीएफआई पर प्रतिबंध लगा चुकी है।12 जुलाई 2022 को सबसे पहले पटना के फुलवारीशरीफ थाने में पुलिस ने केस दर्ज किया था। इसमें 26 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसके 10 दिन बाद केस को एनआईए को हैंडओवर कर दिया गया। 7 जनवरी को एनआईए ने चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, मामले की जांच अब भी जारी है।
फुलवारीशरीफ इलाके में स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दफ्तर में पिछले साल आतंकी ट्रेनिंग कैंप का भंडाफोड़ हुआ था। इसके बाद पूर्वी चंपारण समेत अन्य जिलों में पीएफआई के सक्रिय सदस्यों की पहचान कर उनके यहां एनआईए ने दबिश दी। पटना पीएफआई केस में मिले दस्तावेजों के आधार पर पता चला कि आरोपियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने, देशभर में हिंसा फैलाने और 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची। एनआईए ने अब तक इस मामले में 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।