22 साल में भी नहीं बने चुटिया के 2 ROB, 1 लाख लोग रोज झेल रहे जाम
रांची
एक ओर रांची-हटिया, पिस्का स्टेशन के पुनर्विकास पर 800 करोड़ खर्च करने की तैयारी की जा रही है, वहीं 22 सालों में चुटिया में दो रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) नहीं बन सके हैं। पिछले सात सालों से सिर्फ कागजों पर ही काम हो रहा है।
दरअसल, चुटिया पावर हाउस और केतारी बगान के पास एक रेलवे ओवर ब्रिज बनाया जाना है, लेकिन इसे लेकर रेलवे और राज्य सरकार के बीच मामला उलझा हुआ है। इसका असर चुटिया और आसपास में रहने वाले लोगों पर पड़ रहा है। प्रतिदिन चुटिया पावर हाउस और केतारी बगान के पास करीब एक लाख से ज्यादा आबादी रोज जाम झेलती है। तीन से चार घंटे लोगों के बर्बाद होते हैं।
रेलवे के जीएम, डीआरएम से लेकर राज्य सरकार के आलाधिकारी केवल आश्वासन देते रह गए कि जल्द बनेगा आरओबी। लेकिन आश्वासन केवल कोरा कागज साबित हुआ। काम कब शुरू होगा। इसका जवाब न तो रांची डीआरएम प्रदीप गुप्ता के पास है और न ही रोड कंस्ट्रक्शन विभाग के सचिव सुनील कुमार के पास है।
उल्लेखनीय है कि चुटिया में इन दोनों आरओबी को बनाए जाने के मामले को लेकर रांची सांसद संजय सेठ ने बुधवार को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से भेंट की थी और इस प्रोजेक्ट को रांची रेलवे स्टेशन के री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में शामिल करने का आग्रह किया है।
सांसद ने रेल मंत्री को दिया है आरओबी का प्रस्ताव
रांची सांसद सेठ ने रेलवे ओवर ब्रिज के प्रोजेक्ट को रांची रेलवे स्टेशन के री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए प्रस्ताव रेल मंत्रालय को दिया है। बुधवार को दिल्ली में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर सांसद ने यह प्रस्ताव दिया है, जिस पर रेलमंत्री ने आश्वासन दिया है।
तीन बिंदुओं से जानिए परेशानी
50 ट्रेन व 10 मालगाड़ी गुजरती हैं : रांची रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन मुरी की तरफ 50 ट्रेनों आती-जाती हैं। 10 मालगाड़ी गुजरती हैं। इससे करीब 10 घंटे रेलवे फाटक बंद रहता है।
छात्रों को सर्वाधिक परेशानी : रेलवे फाटक बंद रहने से ज्यादा परेशानी ऑफिस वालों व स्कूली बच्चों को होती है। फाटक बंद रहने से घंटों फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है।
सर्वे और साइट विजिट में ही सालों बीते : पावर हाउस के पास आरओबी को लेकर केवल सर्वे और साइट विजिट हुआ। रेलवे और राज्य के अफसर 12 बार वार्ता कर चुके हैं, पर पहल कुछ नहीं।