छत्तीसगढराज्य

कांग्रेस सरकारों द्वारा बनाई गई योजना इंदिरा आवास का नाम बदल कर मोदी ने प्रधानमंत्री आवास कर दिया : दीपक बैज

रायपुर

प्रधानमंत्री आवास योजना पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा गरीबों को आवास उपलब्ध करवाने की योजना इंदिरा आवास का ही बदला नाम है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने इंदिरा आवास योजना में शुरूआत में केंद्रांश 80 और राज्यांश 20 था जो बाद में 75 और 25 हुआ, मोदी राज में यह 60 और 40 हो गया राज्यों की भागीदारी बढ़ा दी गयी।

केंद्र सरकार अपना हिस्सा न देने पड़े इसलिये प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति में हमेशा कोताही बरतती है। गरीबों के आशियाने के सपने को चकनाचूर करने वाले गरीबों के हितैषी बनने का पाखंड कर रहे हैं। भाजपा छत्तीसगढ़ में राज्य शासन पर झूठा आरोप लगाकर प्रधानमंत्री आवास पर भ्रम फैलाती है। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत रहती है कि प्रत्येक जन कल्याणकारी योजना का लाभ छत्तीसगढ़ की जनता को मिले, चाहे वह केंद्र की योजना हो अथवा राज्य की।

बैज ने कहा कि राज्य में वर्तमान में कांग्रेस सरकार बनने के बाद प्रदेश में कुल शहरी और ग्रामीण मिलाकर कांग्रेस सरकार बनने के बाद 1,304,000 (तेरह लाख चार हजार) आवास स्वीकृत हुये है। प्रदेश में 10.57 लाख ग्रामीण क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास की मंजूरी हुई। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में 2 लाख 69 हजार मकान स्वीकृत हुये। प्रधानमंत्री आवास के शहरी क्षेत्र का ही यदि तुलनात्मक अध्ययन करे तो रमन सिंह सरकार ने 4 साल में शहरी क्षेत्र में मात्र 19,000 मकान बनाये थे तथा भूपेश सरकार ने 4 साल में 247,000 मकान बनाये है। रमन सरकार ने चार साल में मात्र 272 करोड़ रू. का राज्यांश दिया था इसके विपरीत कांग्रेस सरकार ने 4 साल में 2100 करोड़ शहरी आवास में राज्यांश दिया है। मुख्यमंत्री ने इस साल के बजट में भी प्रधानमंत्री आवास के लिये 3238 करोड़ का प्रावधान किया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास शहरी के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को पुरस्कृत कर रही है। भाजपा शासित राज्यों से बेहतर छत्तीसगढ़ को बता रही है। वही भाजपा नेता प्रधानमंत्री आवास नहीं बनाने का झूठा आरोप लगा रही। भाजपा नेताओं को जनता को बताना चाहिए राज्य के लिये स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना को रद्द क्यों किया? छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में प्रधानमंत्री आवास योजना का आबंटन केंद्र सरकार के पास फंड की कमी के चलते रद्द किया गया है। प्रधानमंत्री के गृह राज्य में भी प्रधानमंत्री आवास योजना में मात्र 40 प्रतिशत काम हुये है। मध्यप्रदेश 30 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है ऐसे में भाजपा नेता मोदी सरकार के नाकामी पर पर्दा डालने झूठे आरोप लगा रहे है।

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