विकास पर्व के अंतर्गत अधिकाधिक लोकार्पण एवं भूमि-पूजन हों : मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने विकास पर्व की तैयारियों की समीक्षा की
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास पर्व के अंतर्गत प्रदेश के हर जिले में लोकार्पण एवं भूमि-पूजन के कार्यक्रम अधिक से अधिक हों। विकास पर्व के कामों का संदेश ठीक ढंग से जनता तक पहुँचे। नए काम भी स्वीकृत हो रहे हैं, उनकी सूची तैयार कर विकास पर्व में जोड़ें। मुख्यमंत्री चौहान निवास स्थित समत्व भवन में विकास पर्व के अंतर्गत होने वाले लोकार्पण कार्यक्रम और भूमि-पूजन की जानकारी ले रहे थे। सभी जिलों के जन-प्रतिनिधि और कलेक्टर वर्चुअली जुड़े।
महिला सशक्तिकरण के लिए लाड़ली बहना सेना
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विकास पर्व का कार्यक्रम जन-प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हो। खरगोन, विदिशा, उमरिया, शिवपुरी, झाबुआ, शाजापुर, राजगढ़ में लोकार्पण एवं भूमि-पूजन की प्रगति शीघ्रता से बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का 21 साल से ऊपर की बहनों को लाभ देना है। अभी 21 वर्ष से 23 वर्ष की बहनों के 2 लाख 68 हजार नए रजिस्ट्रेशन हुए हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए लाड़ली बहना सेना बनाई जा रही है जो योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करेगी। बहनों की सामाजिक ताकत खड़ी होगी। सभी जिलों में लाड़ली बहना सेना का गठन हो गया है। प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। लाड़ली बहना सेना का एक बड़ा सम्मेलन भी किया जाएगा।
10 अगस्त को लाड़ली बहना योजना की राशि रीवा से अंतरित होगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 10 अगस्त को लाड़ली बहना योजना की राशि बहनों के खाते में अंतरित की जाएगी। हर ग्राम और वार्ड में कार्यक्रम होगा। अभी से अच्छे ढंग से कार्यक्रम की तैयारी करें। लाड़ली बहना सेना का भी सहयोग लिया जाए। मेरी माटी मेरा देश अभियान 9 से 30 अगस्त तक चलाया जाएगा। इसे ठीक ढंग से आयोजित करें। सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि सम्मिलित हों। कार्यक्रम को ठीक ढंग से प्रचारित किया जाए।
खाद वितरण में अनियमितता न हो
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि में कोई भी नाम छूटना नहीं चाहिए। प्रदेश में खाद की उपलब्धता पर्याप्त है। जन-प्रतिनिधि कलेक्टर ध्यान देकर ठीक ढंग से किसानों को खाद वितरित कराएं। खाद वितरण में कोई अनियमितता न हो। 16 अगस्त 2023 को फसल बीमा की अंतिम तिथि है। सभी किसानों का बीमा हो। किसानों की मूंग खरीदी में दिक्कत न आए एवं खरीदी का भुगतान समय पर हो। बरसात में बाँधों, नदियों की निगरानी हो। आपात स्थिति से निपटने की तैयारियाँ करें।