ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग-जेउ अगले सप्ताह चीन की यात्रा करेंगे
ताइपे
ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग-जेउ अगले सप्ताह चीन की यात्रा करेंगे। मा यिंग-जेउ के एक प्रवक्ता ने इसे स्वशासित द्वीप और चीन के बीच तनाव कम करने का प्रयास बताया है।
मा 2008 से 2016 तक ताइवान के राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान चीन और द्वीप राष्ट्र के संबंधों में सुधार हुआ था। हालांकि ताइवान में एक बड़े विरोध प्रदर्शन के बाद चीन के साथ एक व्यापार समझौते को मंजूरी नहीं मिलने पर उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था।
मा की प्रस्तावित यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नियमित रूप से ताइवान की ओर लड़ाकू विमान भेज रही है और दोनों देशों की सरकारों के बीच आधिकारिक संचार ठप है।
चीन की सत्तारूढ़ सरकार का दावा है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार का कहना है कि यह पहले से ही संप्रभु है और चीन का हिस्सा नहीं है।
मा से जुड़े एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि विपक्षी नेशलिस्ट पार्टी (कुओमिन्तांग) के सदस्य मा 27 मार्च से सात अप्रैल के बीच चीन की यात्रा करेंगे। वह शिक्षाविदों और छात्रों के साथ-साथ अपने पूर्व कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
वहीं, ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के कार्यालय ने बताया कि मा ने सोमवार को अपनी योजनाओं के बारे में कार्यालय को सूचित किया और वे ‘‘ उम्मीद जताते हैं कि द्वीप राष्ट्र के पूर्व प्रमुख के रूप में वह अपनी भूमिका में … ताइवान के लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मूल्यों का दर्शाएंगे…।’’
मा यिंग-जेउ फाउंडेशन के निदेशक सिआओ सू-सेन ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल चीन के शहर नानजिंग, वुहान और चांगशा की यात्रा करेंगा। वह चीन की राजधानी बीजिंग नहीं जाएंगा। चीन के ताइवान मामलों से जुड़े कार्यालय ने भी मा की यात्रा की पुष्टि की है।
मा और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पिछली बार 2015 में सिंगापुर में मिले थे। मा के कार्यकाल के दौरान, ताइवान और चीन के बीच संबंध बेहतर हुए थे। मा ने 2010 में चीन के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत की थी और चीन के पर्यटकों ने ताइवान का रुख करना शुरू किया था।