व्यापार

सस्ते तेल पर भी कंपनियां नहीं देंगी आपको राहत, समझिए तेल का खेल

नईदिल्ली

देश में एक साल से भी अधिक समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं आया है। माना जा रहा था कि चुनावी साल में जनता को महंगाई से राहत मिल सकती है। इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद अगले साल आम चुनाव होंगे। लेकिन जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार की फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करने की योजना नहीं है। हालांकि सरकार के पास इसकी पूरी गुंजाइश है। तेल कंपनियों का घाटा भी अब पूरा हो चुका है और वे हरेक लीटर पर करीब 10 रुपये की कमाई कर रही हैं।

देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के ऊपर बनी हुई है। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक तीन सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का प्रॉफिट इस फाइनेंशियल ईयर में एक लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है। 2017 से 2022 की बीच यह औसतन 60,000 करोड़ रुपये रहा था जबकि पिछले साल 33,000 करोड़ रुपये पर आ गया था। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL) को पेट्रोल और डीजल की हरेक लीटर बिक्री पर आठ से नौ रुपये का फायदा हो रहा है। साथ ही फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में उनका मार्जिन भी अच्छा रहा।

कितना फायदा
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत पिछले साल मई से नहीं बदली हैं जबकि इस दौरान इंटरनेशनल लेवल पर कच्चे तेल की कीमत में काफी गिरावट आई है। तेल कंपनियों ने पिछले साल अप्रैल में पेट्रोल-डीजल की कीमत में बदलाव किया था जबकि मई में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कमी की थी। तेल कंपनियों की कमाई मार्जिन और मार्केटिंग से कमाई होती है।

फाइनेंशियल ईयर 2023 में क्रूड की एवरेज कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल रही जबकि पेट्रोल-डीजल की कीमत में पिछले साल मई से कोई बदलाव नहीं हुआ है। जब क्रूड की कीमत अधिक थी तो ओएमसी को घाटा हो रहा था लेकिन अब इसकी भरपाई हो चुकी है।

कोटक महिंद्रा बैंक की सीनियर इकनॉमिस्ट उपासना भारद्वाज ने कहा कि ओएमसी को हरेक लीटर पर 10 रुपये का फायदा हो रहा है। ऐसे में टैक्स में कटौती की गुंजाइश है। लेकिन ऐसे माहौल में ग्लोबल स्लोडाउन का जोखिम है। इसका घरेलू इकॉनमी पर भी असर हो सकता है। ऐसे में फिलहाल एक्साइज ड्यूटी में कटौती की संभावना नहीं दिख रही है।

पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने पिछले साल कहा था कि अगर क्रूड की कीमत 88 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आती हैं तो कुछ राहत मिल सकती है। मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक अप्रैल में भारतीय बास्केट का एवरेज 83.76 डॉलर, मई में 74.98 डॉलर, जून में 74.93 डॉलर और जुलाई में अब तक 78.34 डॉलर प्रति बैरल रहा है।

कितना टैक्स
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.32 रुपये है। इसमें बेस प्राइस 57.15 रुपये है जिस पर 20 पैसे फ्रेट चार्ज लगता है। इस तरह डीलर को यह 57.35 रुपये में मिलता है। फिर इस पर 19.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी, 3.76 रुपये डीलर कमीशन और 15.71 रुपये वैट लगता है। इस वैट में डीलर के कमीशन पर लगने वाला वैट भी शामिल है। सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2019 से 2021 के बीच पेट्रोल और डीजल पर 8.02 लाख करोड़ रुपये की कमाई की।

इस साल इसके 3.39 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है जो पिछले साल के संशोधित अनुमान से छह परसेंट ज्यादा है। भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 परसेंट आयात करता है लेकिन क्रूड की कीमत में कमी के कारण उसका इम्पोर्ट बिल अप्रैल-जून तिमाही में एक तिहाई घटकर 35 अरब डॉलर रहा।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button