सुमद्रा एकादशी के व्रत से मिलती है पापों से मुक्ति, जानें शुभ मुहूर्त
सावन और अधिक मास का पवित्र महीना चल रहा है. सावन और अधिक मास के इस पवित्र महीने में कई महत्वपूर्ण पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक 29 जुलाई को पद्मिनी एकादशी का व्रत है. इस एकादशी को पुरुषोत्तम एकादशी या सुमद्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, दूसरी एकादशी के मुकाबले इस एकादशी का महत्व और अधिक होता है.
इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. पूरे साल में जितनी एकादशी व्रत का पुण्य मिलता है, उतना इस व्रत को करने से मिल जाता है. इतना ही नहीं इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति भी मिलती है. इस दिन दान पुण्य करने का भी खास महत्व होता है. इतना ही नहीं अधिक मास में पद्मिनी एकादशी का व्रत करने से 10 गुना फल की भी प्राप्ति होती है.
जानें शुभ मुहूर्त
अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पंचांग के मुताबिक इस बार पद्मिनी एकादशी का व्रत 29 जुलाई यानी शनिवार को है. पद्मिनी एकादशी शुक्ल पक्ष की तिथि को मनाई जाती है. जिसका शुभारंभ 28 जुलाई को दोपहर 2:51 से शुरू होकर 29 जुलाई दोपहर 1:05 पर समाप्त होगा. हालांकि 29 जुलाई को ही रखा जाए.
जानें पूजा विधि
पद्मिनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. तांबे के लोटे में केसर मिश्रित जल डालकर श्री हरि विष्णु का अभिषेक करें. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. इतना ही नहीं ब्राह्मणों को दान दें. पूजा करते समय पूजन सामग्री का इस्तेमाल करें. भगवान विष्णु के भजन या मंत्रों का जप करें.
जानिए धार्मिक महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि अधिक मास में पढ़ने वाली एकादशी का व्रत करने से जीवन में आई तमाम परेशानियां दूर होती हैं. विधि-विधान पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं. इतना ही नहीं पुराणों में भी कहा गया है कि पद्मिनी एकादशी के व्रत से बढ़कर कोई यज्ञ या दान नहीं है.