राजस्थान में कांग्रेस के लिए आसान नहीं है युवाओं को मौका देना, ज्यादातर विधायकों की उम्र है 50 के पार
राजस्थान
राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस युवाओं पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। पार्टी की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा युवा और नए चेहरों को उम्मीदवार बनाया जाए। पर पार्टी की मुश्किल यह है कि ज्यादातर विधायकों की उम्र पचास वर्ष से ज्यादा है और वह दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
कांग्रेस ने उदयपुर संकल्प और रायपुर महाधिवेशन में युवाओं को साथ जोड़ने और उन्हें हिस्सेदारी देने पर काफी जोर दिया था। पार्टी ने तय किया था कि पचास साल से कम उम्र के लोगों को 50 फीसदी हिस्सेदारी दी जाएगी। ऐसे में पार्टी के लिए चुनाव में उम्मीदवारों का चयन करना आसान नहीं है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल साफ कर चुके हैं कि उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी सर्वे कराएगी। जीत की संभावना के आधार पर ही उम्मीदवार तय किए जाएगें। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, राजस्थान में विधायकों की औसत उम्र करीब 58 साल हैं। सिर्फ 31 लोगों की उम्र पचास साल से कम हैं।
कांग्रेस की मुश्किल यह है कि जिन विधायकों की उम्र पचास वर्ष से कम हैं, उनमें से कई विधायक वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के खेमे से ताल्लुक रखते हैं। वही, पचास साल से ज्यादा उम्र वाले कई विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भरोसेमंद हैं। ऐसे में पार्टी के लिए समन्वय बनाना आसान नहीं है।
राजस्थान कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के बीच अंदरुनी कलह को खत्म करने में चुनाव में टिकट बंटवारे की बेहद अहम भूमिका रहेगी। ऐसे में पार्टी को पचास साल से कम उम्र के लोगों को पचास फीसदी को लागू करना आसान नहीं होगा।