यूट्यूब लाइक और गूगल रिव्यू के झांसे में फंसे 15 हजार लोग, गंवा दिए 700 करोड़ रुपये
नईदिल्ली
नई दिल्ली. ऑनलाइन फर्जीवाड़े की ऐसी दुकान चल रही है कि इंजीनियर हों या डॉक्टर हर प्रोफेशन के लोग इसमें फंसते जा रहे हैं. हाल में एक बार फिर ऐसा मामला सामने आया है. एक चाइनीज ऑपरेटर ने 15 हजार से ज्यादा लोगों को झांसे में लेकर 700 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा दिया. यह पूरा फर्जीवाड़ा सिर्फ आसान तरीके से पैसे कमाने का झांसा देकर किया गया है. ऐसा नहीं है कि इस फर्जीवाड़े में सामान्य और कम पढ़े-लिखे लोग फंसे हैं. मामला उजागर होने पर पता चला है कि लाखों में कमाने वाले सॉफ्टवेयर भी इसके झांसे में आ गए हैं.
हैदराबाद पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद का कहना है कि साइबर ठग लोगों को बहुत आसान तरीके से पैसे कमाने का झांसा देते हैं. इसमें यूट्यूब वीडियो को लाइक करने और गूगल रिव्यू लिखने जैसा काम दिया जाता है. हैदराबाद पुलिस ने बताया है कि क्रिप्टोवॉलेट फ्रॉड के जरिये चाइनीज ऑपरेटर्स ने अब तक करीब 712 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है. मामले में अभी तक देश के अलग-अलग क्षेत्र से 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें से कई क्रिप्टोवॉलेट ट्रांजेक्शन हिजबुलाह वॉलेट के जरिये किए गए जो आतंकी फंडिंग मॉड्यूल से जुड़ा था.
एक इंजीनियर ने गंवाए 82 लाख
पुलिस ने बताया कि यह बहुत शॉकिंग है कि लाखों रुपये का पैकेज पाने वाले इंजीनियर्स भी इनके झांसे में आ जाते हैं. ऐसे ही एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स ने जल्दी पैसे कमाने के लालच में फंसकर 82 लाख रुपये गंवा दिए. इसी तरह अब तक स्कैम में कई डॉक्टर्स, इंजीनियर्स व अन्य प्रोफेशनल्स भी फंस चुके हैं. पुलिस का कहना है कि आसानी से पैसे कमाने का लालच किसी को भी अपने झांसे में ले सकता है.
कैसे चलता है रेट एंड रिव्यू स्कैम
हैदराबाद के निवासी ने पुलिस को बताया कि स्कैमर्स रेट एंड रिव्यू करने का पार्ट टाइम जॉब ऑफर करते हैं. एक मैसेजिंग ऐप के जरिये कुछ वीडियो को देखने और उसकी रेटिंग व रिव्यू करने का झांसा देते हैं. इस आसान काम के लिए 1000 रुपये निवेश करने और 5 स्टार रेटिंग देने को कहा जाता है. इसके बाद 866 रुपये का प्रॉफिट होता है. इसे बाद में बढ़ाकर 25 हजार कर दिया और 20 हजार का प्रॉफिट दिया. हालांकि, प्रॉफिट का पैसा निकालने की इजाजत नहीं रहती है. इसी तरह, निवेश और प्रॉफिट बढ़ाकर 28 लाख कर दिया और फिर सारा पैसा हड़प लिया.
28 लाख का यह पूरा अमाउंट 6 अलग-अलग खाते में ट्रांसफर किए गए. इसमें से कुछ भारतीय बैंक तो कुछ दुबई के खाते हैं. इन पैसों से क्रिप्टोकरेंसी खरीदी गई और उसे ट्रांसफर किया गया. पुलिस ने अभी तक करीब 15 हजार ऐसे लोगों की पहचान की है, जिन्होंने टेलीग्राम और वाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म के जरिये सालभर में 5 से 6 लाख रुपये गंवा दिए हैं. शुरुआत में लोगों को 5 हजार या उससे कम के छोटे निवेश जमा कराते हैं. इस पर मोटा रिटर्न भी देते हैं और एक बार झांसे में फंसने के बाद निवेश की राशि बढ़ा देते हैं.
फर्जी कंपनियां भी शामिल
पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि 48 बैंक खातों के जरिये फर्जी कंपनियों के सहारे धोखाधड़ी की गई है. इसके जरिये की गई धोखाधड़ी में करीब 584 करोड़ रुपये शामिल हैं. बाद में पता चला कि 113 भारतीय बैंक खातों के जरिये 128 करोड़ रुपये का और फर्जीवाड़ा हुआ है. यह सारे पैसे क्रिप्टोकरेंसी के जरिये दुबई से होते हुए चीन तक भेजे गए.
दुबई से चलाए जाते थे भारतीय खाते
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले भारतीय सिम कार्ड के जरिये भारत में खाते खोले गए, फिर इसे दुबई से ऑपरेट किया गया. इस पूरे स्कैम के पीछे चीन में बैठे 3 मास्टरमाइंड हैं. केविन जून, ली लू लैंगझू और शाशा ने इस पूरे स्कैम को ऑपरेट किया है. पुलिस ने अभी तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और अब दुबई से जुड़े 6 और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना है.