रायपुर
राज्य सरकार द्वारा संविदा पर कार्यरत अधिकारी/ कर्मचारियों की मांगों के संबंध में सहानुभूति पूर्वक विचार कर वेतन वृद्धि की घोषणा की गई है। इसके बाद भी शासन के ध्यान में यह लाया गया कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम, 2012 के तहत विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा अधिकारी/कर्मचारियों अपनी मांगों के संबंध में अनाधिकृत रूप से निरंतर हड़ताल पर हैं एवं इस कारण से लोकहित / नागरिक सेवाएं तथा शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं और लोगों को असुविधा हो रही है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि वेतन वृद्धि के बाद भी संविदा अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा अपने कार्यों पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 की कंडिका 15 (1) के अनुसार आवरण नियम 1965 का उल्लंघन है।
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार हड़ताल पर गये संविदा अधिकारियों/ कर्मचारियों को तत्काल अपने कार्य पर उपस्थित होने के लिए संबंधित नियोक्ता द्वारा तीन दिवस की समयावधि के भीतर सूचना जारी करने की बात कही गयी है। आदेश में कहा गया है कि जिन सेवाओं के विषय में एस्मा (छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979) की धारा-4 की उपधारा (1) एवं (2) द्वारा प्रदस्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए लागू हो एवं जारी सूचना उपरांत भी संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के कार्य पर उपस्थित नहीं होने पर एस्मा अन्तर्गत कार्यवाई किया जाए। साथ ही नियमानुसार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम, 2012 के अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही की जाये एवं उनके स्थान पर अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की वैकल्पिक व्यवस्था की जाये।