हेल्दी रहता है वालंटियर सर्विस से जुड़े बुजुर्गों का दिमाग
रिटायरमेंट के बाद के समय को बहुत से लोग अपने हिसाब से जीवन जीने की तरह देखते हैं। लेकिन अल्जाइमर एसोसिएशन के एम्स्टर्डम में हुए सम्मेलन में रिसर्च पेपर में कहा गया है कि बुजुर्गों के लिए वालंटियर सर्विस या समाज सेवा के कार्य उनकी याददाश्त और मस्तिष्क की सेहत के लिए अच्छे होते हैं।
मानसिक विकार दूर रहते हैं। अल्जाइमर एसोसिएशन की मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी मारिया सी कैरिलो का कहना है कि वालंटियर सर्विस में ज्यादा सक्रिय रहने वाले बुजुर्गों के दिमाग का एग्जीक्यूटिव फंक्शन का स्तर अधिक पाया गया है। एग्जीक्यूटिव फंक्शन योजना बनाने, फोकस करने, याद करने और कार्यों की प्राथमिकता तय करने में मदद करता है।
किसी रचनात्मक या सृजन से जुड़े रहें
बुजुर्ग सेलिया बारबरेना (67) ने रिटायर होने के बाद सेवा करने की ठानी। उनका कहना है कि अगर आपके भीतर किसी तरह का अच्छा दबाव नहीं है तो आप खोखले हो जाएंगे। आप किसी न किसी रचनात्मक या सृजन से जुड़े रहें। बारबरेना का कहना है कि रिटायर होने के बाद आप अकेले हो जाते हैं। डिप्रेशन, एंग्जाइटी या नींद न आने जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। याददाश्त कमजोर होने लगती है। वालंटियर सर्विस के द्वारा याददाश्त के साथ ही दिमाग की दूसरी स्किल निरंतर काम में लिप्त रहने के कारण सक्रिय और इस तरह से स्वस्थ बनी रहती हैं। वे कहती हैं कि वालंटियर सर्विस ने उन्हें जीवन का उद्देश्य, अर्थ और मित्र दिए हैं। यह मानसिक सेहत के लिए अनमोल है।
समाज को कुछ देने की भावना पॉजिटिव बनाए रखती है
वैज्ञानिक कैरिलो के मुताबिक, वालंटियर सर्विस के दौरान मेलजोल और शारीरिक सक्रियता दिमाग के लिए लाभप्रद है। लेकिन इससे भी ज्यादा समाज को कुछ देने की भावना डिप्रेशन, मानसिक समस्याओं को दूर रखती है और हमेशा पॉजिटिव बनाए रखती है।