गोरखपुर के इन चार थानों को अपनी ही दहलीज पर हासिल नहीं हक, अपना ही कैंपस दूसरे के क्षेत्र में
गोरखपुर
बात सुनने में अजीब लगेगी लेकिन यह सच है कि गोरखपुर के तीन और कुशीनगर के एक थाने को अपनी ही दहलीज पर हक हासिल नहीं है। इन थानों के परिसर में कोई मामला होता है, तो इन्हें दूसरे थानेदार से गुहार लगानी पड़ती है। यानी इनका परिसर दूसरे थाने की सीमा में आता है। पहले इस तरह के दो थाने थे, लेकिन एम्स थाने के अस्तित्व में आने के बाद इनकी संख्या तीन हो गई है।
दरअसल, गुलरिहा थाना परिसर का आधा हिस्सा पिपराइच की शरहद में आता है। यहां थाना परिसर में कोई विवाद होने पर पिपराइच पुलिस मामले में एफआईआर कर जांच करती है। वर्ष 2018 में थाना परिसर स्थित एक दीवान के आवास में चोरी हो गई थी। पिपराइच पुलिस ने उस मामले में एफआर लगाई थी।
कैम्पियरगंज थाने का मामला तो दो जिलों की सीमा का है। थाने का आधा परिसर महराजगंज जिले में आता है। महराजगंज वाले हिस्से में कोई वारदात हुई तो फिर फरेंदा पुलिस कार्रवाई करती है। अब एम्स थाने का हाल बताते हैं। यहां गेट से बाहर कदम रखते ही कैंट थाने की सीमा शुरू हो जाती है। एम्स थाने के गेट पर विवाद हुआ तो फिर कैंट पुलिस ही कार्रवाई करेगी। एम्स पुलिस को अपने क्षेत्र में जाने के लिए भी कैंट या खोराबार क्षेत्र से घुसना पड़ता है।
दो थानों की सीमा पार कर क्षेत्र में जाते हैं एम्स थाना कर्मी
गोरखपुर के तीन और कुशीनगर के एक थाने को अपनी ही दहलीज पर हक हासिल नहीं है। इन्हीं में एक है शहर का एम्स थाना। एम्स थाने का क्षेत्र कूड़ाघाट तिराहे से कुशीनगर की तरफ जाने वाला रोड पर कुशीनगर बार्डर तक है, इसी में शाहपुर की झरना टोला चौकी, कैंट की एयरफोर्स चौकी, खोराबार की जगदीशपुर चौकी और चौरीचौरा की सोनबरसा चौकी को शामिल किया गया है। जबकि कैंट थाने का रुख देवरिया रोड पर है। इस रोड पर एमएमएमयूटी तक का हिस्सा कैंट की इंजीनियरिंग कालेज चौकी क्षेत्र में आता है। ऐसे में एम्स थाने के पुलिसवाले अपने थाने के गेट से बाहर निकलते ही कैंट सीमा में आ जाते हैं। अगर वह कूड़ाघाट गुरुंग तिरहा से होकर अपने क्षेत्र में जाएं तो कैंट की सीमा से निकलना होगा। वहीं देवरिया रोड पर कड़जहां से फोरलेन से जाएं तो उन्हें पहले कैंट फिर खोराबार की सीमा से होकर जाना होगा।
एम्स थाने का क्षेत्र बढ़ाने की चल रही है तैयारी
एम्स के सीमा निर्धारण में विसंगति अधिकारियों ने भी महसूस की है। यही वजह है कि कैंट थाने की इंजीनियरिंग कालेज चौकी क्षेत्र का पूरा इलाका भी एम्स थाने में शामिल करने की तैयारी चल रही है। ऐसा होने पर कूड़ाघाट से पहले कैंट व फिर एम्स थाने का क्षेत्र शुरू हो जाएगा।
कुशीनगर में भी एक थाना है ऐसा
यह हाल सिर्फ गोरखपुर में स्थिति नहीं है। कुशीनगर जिले के जटहा बाजार थाने का पूरा भवन पडरौना कोतवाली क्षेत्र में आता है। जटहा थाने के पीछे 200 मीटर पर ही बिहार राज्य की सीमा शुरू हो जाती है।
शून्य क्राइम नंबर पर केस दर्ज कर ट्रांसफर किया
गुलरिहा थाने में तैनात दीवान दशरथ प्रसाद और दरोगा जगधारी राम के आवास में 2010 चोरी हुई थी। गुलरिहा थाने का वह हिस्सा पिपराइच की सीमा में आता है। गुलरिहा पुलिस ने अपने यहां च्केस शून्य क्राइम नम्बर पर दर्ज कर पिपराइच थाने को स्थानांतरित कर दिया था। इस चोरी का खुलासा नहीं हुआ। पिपराइच पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।