क्या होती है Zero FIR, जो मणिपुर में तीन महिलाओं के साथ हैवानियत के 14 दिन बाद दर्ज हुई?
मणिपुर
मणिपुर के एक वीडियो ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया, जहां कुछ हैवानों ने दो महिलाओं को बिना कपड़े के घुमाया और एक अन्य के साथ अभद्रता की। वैसे ये घटना 4 मई की थी, लेकिन आरोप लग रहा कि मणिपुर पुलिस ने तुरंत कोई एक्शन नहीं लिया।
हाल ही में इंटरनेट से प्रतिबंध हटने के बाद ये वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि शुरू में पुलिस ने मामला भी नहीं दर्ज किया था। काफी दबाव के बाद पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की, लेकिन तब तक घटना को 14 दिन हो गए थे। आइए जानते हैं क्या है जीरो एफआईआर?
आमतौर पर घटना जिस इलाके में हुई रहती है, वहां पर ही एफआईआर होती है, लेकिन आप दूसरे थाने में भी उस घटना की शिकायत कर सकते हैं। इसे ही जीरो एफआईआर कहा जाता है। सीआरपीसी के सेक्शन 154 के तहत देश के नागरिकों को ये अधिकार दिया गया है।आप जिस भी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करवाएंगे, वो स्टेशन उस इलाके के पुलिस स्टेशन को एक पत्र लिखेगा, जहां पर घटना हुई होगी। इसके बाद आगे की जांच वहां पर की जाएगी।
वहीं जीरो एफआईआर में कोई क्राइम नहीं लिखा होता है, इसी वजह से इसको जीरो एफआईआर कहा गया है। महिलाओं के मामले में ये काफी कारगर है। उदाहरण के तौर पर मणिपुर के किसी इलाके में महिला के साथ अभद्रता हुई है। वो महिला भागकर दिल्ली आ जाती है, तो वो दिल्ली के किसी भी थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करवा सकती है। बाद में दिल्ली पुलिस की ओर से उस एफआईआर को मणिपुर के उस पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर किया जाएगा, जहां पर घटना घटी है। इसके बाद आगे की जांच वहां पर होगी।
मुख्य आरोपी का घर फूंका
वहीं मणिपुर में महिलाओं को नग्न करके घुमाने के मामले में अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है। जिसमें मुख्य आरोपी भी शामिल है। इसके अलावा भीड़ ने मुख्य आरोपी का घर भी फूंक दिया।