नाती संग नाना और दादा को भी चाहिए दुल्हन, उम्र के आखिरी पड़ाव पर धुन सवार
नई दिल्ली
विधवा, अविवाहित, शिक्षित-अशिक्षित 55 वर्षीय दुल्हन की तलाश। किसी भी गोत्र, जाति से हों, आप संपर्क कर सकते हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव पर दुल्हनों के लिए इस तरह अखबारों में और ऑनलाइन इश्तेहार दिए जा रहे हैं। आगरा में कई बुजुर्ग ऐसे हैं जो अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए किसी का साथ चाहते हैं। हालात ये है कि नाती संग नाना और दादा भी दुल्हन तलाश रहे हैं। ज्यादातर सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त हैं।
ऐसे ही पिछले दिनों आगरा में अहमदाबाद की 63 वर्ष की विधवा की 70 वर्षीय विधुर से शादी हुई। पुरुष बैंक से रिटायर्ड अधिकारी हैं। महिला और पुरुष दोनों के बेटे और बहू हैं। दोनों के बेटे-बहू को इस शादी से कोई आपत्ति नहीं थी। दोनों का कहना था कि अकेलापन दूर होगा। वे साथ रहें तो हमें क्या आपत्ति है। उधर, पांच बेटे-बेटियों वाली एक विधवा को कोई उसे रखने को तैयार नहीं। वह अपनी बहन के पास रहती थीं। वह किसी वृद्धाश्रम की तलाश में थीं। इश्तेहार से जानकारी मिलने के बाद एक शख्स से उनकी मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों ने रजामंदी से विवाह कर लिया।
रामलाल वृद्धाश्रम के संचालक शिवप्रसाद शर्मा ने ऐसे ही एक और मामले के बारे में बताया। उनके मुताबिक मथुरा निवासी एक प्रोफेसर के बच्चों ने उन्हें घर से निकाल दिया था। उन्होंने वृद्धाश्रम में शरण ली थी। इसके बाद उन्होंने इश्तेहार दिया। 56 साल की मीरा, बाह की रहने वाली थी। पति ने छोड़ दिया था। अब प्रोफेसर और मीरा ने शादी कर ली है। दोनों खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्य विजित गुप्ता ने बताया कि आगरा में एक साल पहले इसकी पहल हुई थी। चार शादियां हुई हैं। इस साल भी रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। इनमें उच्च वर्ग के केस ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक लोग अनुबंध की ओर से आयोजित परिचय सम्मेलन में सदस्य बन सकते हैं। नटू भाई अब तक 200 शादियां करा चुके हैं।