INDIA नाम नहीं पचा पा रहे कई दल, बताया नया टोटका; चुनाव से पहले ये सुझाव
नई दिल्ली
विपक्षी गठबंधन के 'INDIA' नाम को लेकर रार अब तक थमी नहीं है। अब खबर है कि गठबंधन के कुछ बड़े दलों ने नाम में बदलाव कर साथ में कोई शब्द जोड़ने (प्रत्यय) का सुझाव दिया है। कहा जा रहा है कि इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और लालू प्रसाद यादव की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनता दल है। हालांकि, दोनों दलों ने आधिकारिक तौर पर इसे लेकर कुछ नहीं कहा है। रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को जदयू के राजीव रंजन सिंह ललन और राजद के मनोज झा ने INDIA के बाद फ्रंट शब्द जोड़ने का सुझाव दिया है। अगर इसपर सहमति बनी तो गठबंधन 'INDIA फ्रंट' कहलाएगा। खास बात है कि मॉनसून सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में हुई बैठक में यह सुझाव रखा गया है।
क्यों बढ़ाया जाना चाहिए नाम?
रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष के ही एक नेता ने कहा, 'नाम युवा और स्थिति बदल रही है। सुझाव यह है कि INDIA के साथ कोई शब्द और जोड़ा जाना चाहिए। यह हर राज्य मेंअलग भी हो सकता है, जैसे बंगाल में गठबंधन को इंडिया मोर्चा और तमिलनाडु में इंडिया अलायंस कहा जा सकता है। जनता को इसे समझने में आसानी होगी और कन्फ्यूजन भी कम होगा।'
बेंगलुरु में बैठक में आया नाम
दरअसल, खबरें थी कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से नाम का सुझाव दिया गया था। बाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से नाम का प्रस्ताव विपक्षी दलों के सामने रखा गया। कहा जा रहा था कि सीएम नीतीश कुमार और वाम नेता सीताराम येचुरी समेत कुछ राजनेता इस नाम पर सहमति नहीं बना पा रहे थे।
बैठक में और कौन
बैठक में राजद और जदयू के अलावा द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (DMK) के तिरुची सिवा और टीआर बालू, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी (AAP) के संजय सिंह, कांग्रेस के गौरव गोगोई, रजनी पाटिल, प्रमोद तिवारी, मणिकम टैगोर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की वंदना चव्हाण मौजूद थे। इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा, सीपीएम और सीपाआई समेत कई दल भी शामिल हुए थे।