मणिपुर हिंसा पर जल उठे चिराग, पीएम मोदी की सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग; विपक्षी दलों को दी यह नसीहत
पटना
मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। 2 महिलाओं पर जुल्म का वीडियो वायरल होने के बाद मामला और गर्म हो गया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष पासवान ने भी तेवर का इजहार किया है। उन्होंने पीएम मोदी से सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही विपक्षी दलों को नसीहत भी दी है।
वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में सड़क से सदन तक घमासान मचा है। नीतीश कुमार और लालू यादव की पार्टी पहले से ही केंद्र सरकार पर हमलावर थे। संसद का मानसून सत्र में विपक्षी दलों के नेता हंगामा कर रहे हैं। विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मणिपुर पर दुख जताया और कार्रवाई की बात कही है।
इधर चिराग पासवान ने भी मणिपुर के घटनाओं को अमानवीय करार दिया है। उन्होंने कहा है कि कांड के दोषियों के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए कि भविष्य में ऐसी कोई घटना फिर से ना हो। चिराग में सदन में हंगामा कर संसद की कार्रवाई में बाधा डालने वाली विपक्षी दलों को भी नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि सदन को चलने दिया जाना चाहिए। वहां गतिरोध उत्पन्न करने से कार्यवाही ठप हो जाएगी सरकार का जवाब सुनने का मौका नहीं मिलेगा। यह जानना जरूही है कि मणिपुर को लेकर सरकार क्या करवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता सदन में अपनी बातों को मजबूती से रखें लेकिन, सरकार को भी जवाब देने का मौका दें
चिराग पासवान ने कहा कि इस तरीके की अमानवीय और जघन्य घटनाओं पर कोई सरकार का बचाव नहीं कर सकता मैं भी ऐसा नहीं कर रहा लेकिन इस मामले में कार्रवाई का रास्ता भी सदन में बहस होने से ही निकलेगा इसलिए सदन को सुचारू रूप से चलने देना आवश्यक है तभी जाकर विपक्षी दलों को यह पता चलेगा कि सरकार क्या एक्शन ले रही है
दरअसल पिछले दिनों सोशल मीडिया पर मणिपुर का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर भीड़ द्वारा घुमाया जा रहा था। वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में घमासान मच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बेचैन हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने इसका संज्ञान ले लिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार करवाई करे नहीं तो कोर्ट को एक्शन लेना पड़ेगा। आरक्षण को लेकर मणिपुर में 3 महीने से हिंसा का दौर जारी है जिसमें कम से कम 150 लोग अभी तक मारे जा चुके हैं। मणिपुर में रहने वाले मेइती समुदाय और कुकी जनजाति समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर झड़प हो रही है। भारी मात्रा में संपत्ति का नुकसान भी पहुंचाया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में हजारों एफआईआर दर्ज हो चुके हैं। पुलिस पर कार्रवाई में सुस्ती के आरोप लगाए जा रहे हैं।