रायपुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 5 जनवरी 2015 को सभी के लिए किफायती एलईडी द्वारा उन्नत ज्योति (उजाला) योजना का शुभारम्भ किया। देखते ही देखते अल्प अवधि में हीयह कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सब्सिडी प्राप्त स्वदेशी प्रकाश कार्यक्रम बन गया, जो महंगी बिजली और अदक्ष प्रकाश व्यवस्था के कारणहोने वाली उच्च उत्सर्जन की समस्याओं का समाधान करता है। इस योजना के तहत, पारंपरिक और अक्षम संस्करणों के प्रतिस्थापन के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूब लाइट और ऊर्जा-कुशल पंखे प्रदान किए जा रहे हैं।
उजाला, एलईडी बल्ब की खुदरा कीमत 300-350 रुपये प्रति बल्ब से घटाकर 70-80 रुपये प्रति बल्ब करने में सफल रहाहै। सबके लिये सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने के अलावा, कार्यक्रम की बदौलत बड़े पैमाने पर ऊर्जा में भारी बचत भी हुई है। उजाला कार्यक्रम के अंतर्गत 18 जुलाई 2023 तक,36.86 करोड़ एलईडीबल्ब, 72.18 लाख ट्यूबलाइट और 23.59 लाखसे अधिक पंखे पूरे भारत में वितरित किये जा चुके हैं।
छत्तीसगढ़ में ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में उजाला कार्यक्रम के संचालन से बड़ा परिवर्तन आया है। एलईडी बल्बों की वजह से लोगों को अपने महँगी बिजली के बिलों को कम करने में मदद मिल रही है। यही नहीं, आर्थिक बचत होने से लोगों के जीवन स्तर मेंसुधार हो रहा है और सभी के लिए ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ रही है। उजाला कार्यक्रम के तहत (17 जुलाई, 2023 तक) 1.08 करोड़ एलईडी बल्ब, 2.82 लाख ट्यूब लाइट और 65,097 ऊर्जा-कुशल पंखे समूचे छत्तीसगढ़ में वितरित जा चुके है। परिणाम स्वरूप, प्रदेश में प्रति वर्ष 1,423 की ऊर्जा बचत और 568 करोड़ रुपये की लागत बचत हो रही है।