दुर्ग
कोरोनाकाल में जिन छात्रों ने अपने घर में बैठकर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा दी थी, इस साल विश्वविद्यालय की हुई ऑफलाइन परीक्षा में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। विवि ने बीए भाग-2 परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए। इसमें 24,382 विद्यार्थियों में से महज 8268 ही उत्तीर्ण हो पाए हैं। शेष 16114 विद्यार्थी पास नहीं हो पाए। छत्तीसगढ़ राज्य की बात करें तो सबसे खराब रिजल्ट बिलासपुर विश्वविद्यालय का रहा।
यूनिवर्सिटी से जारी रिजल्ट के मुताबिक जो 16,114 विद्यार्थी पास नहीं हो पाए हैं उनमें 9,419 विद्यार्थी फेल हुए हैं। शेष 6695 को पूरक दिया गया है। बीए के रिजल्ट की बात करें तो इस बार वो सिर्फ 33.91 फीसदी रहा। विवि प्रशासन का कहना है कि फेल हुए 70 फीसदी विद्यार्थियों में से 56 फीसदी प्राइवेट छात्र हैं।
ये ऑनलाइन परीक्षा में तो घर बैठे पास हो गए लेकिन ऑफलाइन परीक्षा में खरे नहीं उतर पाए। वहीं पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के रिजल्ट की बात करें तो वो सिर्फ 28 फीसदी है। इस हिसाब से हेमचंद यादव विवि अपने आपको थोड़ा बेहतर मान रहा है। बीए का सबसे कम रिजल्ट बिलासपुर यूनिवर्सिटी का रहा। यहां का रिजल्ट मात्र 25 फीसदी में ही सिमट गया। यहां 13 हजार विद्यार्थी फेल हुए हैं।
नकल करने वाले स्टूडेंट्स को मिली कड़ी सजा
हेमचंद यादव विवि ने रोके गए परिणाम को जारी करने के साथ ही नकल प्रकरणों पर भी अपना फैसला दे दिया है। यूनिवर्सिटी ने इसके लिए समिति बनाई थी। जिसमें एमए अंग्रेजी की परीक्षा में नकल करने वाले विद्यार्थियों को कड़ा दण्ड दिया है। समति ने सात छात्रों की परीक्षा निरस्त कर दी है।
ये सभी परीक्षा में इलेक्ट्रिक डिवाइस और बुक रखकर परीक्षा दे रहे थे। वहीं बीएससी भाग-1 की परीक्षा में नकल करते पकड़ाए 37 विद्यार्थियों के यूएफएम नतीजों को सी कैटेगरी में रखकर पूरी परीक्षा निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इनमें से सिर्फ एक छात्र को माफ किया गया है।