कांग्रेस की सिंधिया के गढ़ में 34 विधानसभा सीटों पर नजर, कल ग्वालियर में दहाड़ेंगी प्रियंका
ग्वालियर
कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी 21 जुलाई को ग्वालियर दौरे पर हैं. वे यहां चुनावी सभा को संबोधित करेंगी. उनके अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का मध्य प्रदेश दौरा भी तय हो गया है. राहुल 8 अगस्त को शहडोल के ब्यौहारी से विधानसभा चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे. वे शहडोल भी जाएंगे. यहां वे गोंड और कोल जनजाति की 26 सीटों को ध्यान में रखकर जनता को संबोधित करेंगे. प्रियंका-राहुल गांधी के अलावा 22 जुलाई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भोपाल, 23 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उज्जैन, 5-6 अगस्त को सपा प्रमुख अखिलेश यादव खजुराहो और 13 अगस्त को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे सागर का दौरा करेंगे.
गौरतलब है कि, प्रियंका का ग्वालियर दौरा काफी अमह माना जा रहा है. क्योंकि, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद पहली बार गांधी परिवार को कोई सदस्य उन्हीं के गढ़ में उन्हें चुनौती देने आ रहा है. प्रियंका ग्वालियर-चंबल के 20 फीसदी मतदाताओं और ओबीसी मतदाताओं को साधने आ रही हैं. ये वही मतदाता हैं जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के हाथ मजबूत किए थे.
जानकार कहते हैं कि ये सभा ग्वालियर में कराकर कांग्रेस की कोशिश एक तीर से तीन निशाने साधने की है।
पहला- ग्वालियर-चंबल के 20% दलित वोटर्स को साधे रखना, जिसके दम पर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां बढ़त हासिल की थी। दूसरा- ओबीसी वोटर्स को अपने साथ रखना। ग्वालियर-चंबल में ओबीसी वोटर्स की संख्या ज्यादा है। कांग्रेस को लगता है कि प्रदेश में सबसे पहले कमलनाथ सरकार ने इस वर्ग के लिए 27% आरक्षण की घोषणा की थी। इस कारण यह वर्ग चुनाव में उसे सपोर्ट करेगा। तीसरा- सिंधिया को उनके ही गढ़ में मात देना, माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी का भाषण इन तीन मुद्दों के इर्द-गिर्द रहेगा।
प्रियंका की सभा का कांग्रेस को कितना फायदा
कांग्रेस पर नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई कहते हैं कि ग्वालियर-चंबल में अब तक सिंधिया ही क्षत्रप थे, लेकिन अब कांग्रेस के लिए मैदान खाली है। प्रियंका की सभा इसलिए भी कांग्रेस के लिए मायने रखती है, क्योंकि जातीय समीकरण के हिसाब से देखें तो भाजपा के केंद्रीय मंत्री तोमर व सिंधिया ने पूरे इलाके को कवर कर लिया है।
अब कांग्रेस प्रियंका को लाकर दलित वोट बैंक को भी बनाए रखना चाहती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दलित वर्ग से आते हैं और सब जानते हैं कि उन्हें यह पद देने का श्रेय गांधी परिवार को है। ऐसे में प्रियंका की सभा से कांग्रेस इस वर्ग को साधना चाहती है।