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‘सरकार चुप रही तो हम करेंगे कार्रवाई’, मणिपुर में दरिंदगी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, दिया अल्टीमेटम

नई दिल्ली
मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। शीर्ष न्यायालय ने घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है और सुनवाई की तारीख 28 जुलाई तय की है। इस पूरी घटना को लेकर कोर्ट ने केंद्र सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है और समय रहते कार्रवाई करने की हिदायत दी है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दो महिलाओं को नग्न कर घुमाए जाने वीडियो को लेकर व्यथित हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भी सरकार से कड़े शब्दों में कार्रवाई करने के लिए कहा है। कोर्ट का कहना है कि इस तरह की घटना बिल्कुल अस्वीकार्य है और यह बेहद दुखद है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे संविधान और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है। साथ ही चेतावनी भी दे दी है कि अगर सरकार ने कुछ नहीं किया, तो हम कार्रवाई करेंगे। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार से रिपोर्ट भी तलब की है। कोर्ट का कहना है कि लोकतंत्र में महिलाओं को हिंसा के साधन की तरह इस्तेमाल किया जाना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।

मुख्य आरोपी गिरफ्तार
कुकी महिला के साथ यौन हिंसा करने के मामले में मणिपुर पुलिस ने पहली गिरफ्तारी कर ली है। खबर है कि पुलिस ने मुख्य आरोपी खुरियम हीरो दास को गिरफ्तार किया है। आरोपी वीडियो में हरे रंग की चेक शर्ट पहना हुआ नजर आ रहा है। फिलहाल, पुलिस पूछताछ कर रही है। इसके अलावा पुलिस को पीड़िताओं की भी तलाश है। हालांकि, उन्होंने अब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन उनके बयान काफी अहम साबित होंगे।

पीएम मोदी ने दिया कार्रवाई का भरोसा
मॉनसून सत्र के पहले दिन मणिपुर की इस घटना पर पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'मणिपुर की घटना पर मेरा दिल दुखी है। पूरा राष्ट्र शर्मिंदा है। ऐसी घटनाएं पूरी देश और हर देशवासी के लिए कलंक हैं।' पीएम मोदी ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा, 'किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा और कानून उचित कार्रवाई करेगा। उन्हें कभी माफ नहीं किया जाएगा।'

क्या था मामला
घटना 4 मई की कांगपोक्पी जिले की बताई जा रही है। पुलिस ने इस घटना को लेकर अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया और जांच के लिए 12 दलों का गठन किया है। पुलिस शिकायत के अनुसार, करीब 800 से 1000 लोग हथियार लेकर बी फैनोम गांव में घुस गए, तोड़फोड़ की और घरों में आग लगा दी। संदिग्ध उपद्रवी मैतेई संगठन से बताए जा रहे हैं।

हमले के दौरान पांच ग्रामीण जंगल की तरफ भाग गए थे। इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं थीं। नोंगपोक सेकमाई पुलिस ने तीनों को बचाया और पुलिस स्टेशन ले आई। यहां से भीड़ ने उन्हें अगवा कर लिया। भीड़ ने तुरंत ही एक पुरुष की हत्या की और तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने पर मजबूर किया। खबर है कि इन महिलाओं में शामिल एक 21 वर्षीय का सामूहिक बलात्कार किया गया और उसे बचाने गए 19 वर्षीय भाई की हत्या कर दी गई।

 

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