भारतीय परिधान निर्यातकों के पास जापान एक बड़ा अवसर : AEPC
नई दिल्ली
जापान को चीन के परिधान निर्यात में गिरावट भारतीय उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर है। परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने यह बात कही। एईपीसी ने कहा कि अपनी अनूठी पेशकशों के साथ भारत के कपड़ा उद्योग के पास जापान की कंपनियों को अपने उत्पाद बेचने का यह एक बड़ा मौका है। परिषद के सदस्य तोक्या में इंडिया टेक्स ट्रेंड्स फेयर के 12वें संस्करण में भाग ले रहे हैं।
इंडिया टेक्स ट्रेंड्स फेयर के उद्घाटन के अवसर पर एईपीसी के चेयरमैन नरेन गोयनका ने कहा कि मेले में 180 से अधिक भारतीय प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ''पिछले तीन साल में जापान में परिधान आयात में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। दुनिया से जापान का कुल आयात जो 2018 में 28.49 अरब डॉलर था, अब बढ़कर 46.72 अरब डॉलर हो गया है।'' उन्होंने कहा कि अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस के बाद जापान दुनिया में चौथा सबसे बड़ा परिधान आयातक है। जापान के 23 अरब डॉलर के कुल परिधान आयात में भारत का हिस्सा सिर्फ एक प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, ''हमारे पास जापान के साथ कारोबार का बड़ा अवसर है। चीन, जो जापान का एक प्रमुख परिधान आपूर्तिकर्ता रहा है, के परिधान निर्यात में पिछले पांच साल के दौरान गिरावट आई है। इससे भारत लाभ की स्थिति में है।'' उन्होंने कहा, ''इसके अलावा भारत-जापान मुक्त व्यापार करार (एफटीए) के बाद भारत के सिलेसिलाए परिधान के लिए वहां शुल्क मुक्त पहुंच उपलब्ध है। वहीं चीन और तुर्की को नौ प्रतिशत का शुल्क देना पड़ता है। ऐसे में निश्चित रूप से भारतीय निर्यातकों के लिए यह एक बड़ा अवसर है।''
'आईटीसर्व' का अमेरिकी सांसदों से एच-1बी वीजा का कोटा दोगुना करने का आग्रह
वॉशिंगटन
अमेरिका की 2,100 से अधिक छोटी और मझोले आकार की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के एक संघ 'आईटीसर्व' ने अमेरिकी सांसदों से एच-1बी कोटा को मौजूदा के 65,000 से दोगुना करने का आग्रह किया है। इस संघ में शामिल ज्यादातर कंपनियों का स्वामित्व भारतीय-अमेरिकियों के पास है।
आईटीसर्व का कहना है कि देश में कुशल श्रमबल की भारी कमी है और इसके लिए एच-1बी वीजा का कोटा बढ़ाने की जरूरत है। एच-1बी एक गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को ऐसे पदों पर नियुक्ति की अनुमति देता है जिनके लिए तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है। आईटी कंपनियां हर साल इसके जरिये भारत और चीन से हजारों पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं।
आईटीसर्व के 240 से अधिक सदस्य मंगलवार को पहली बार व्यक्तिगत रूप से अमेरिका की राजधानी में जुटे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी सांसदों और सीनेट के सदस्यों से मुलाकात कर कुशल श्रमबल की कमी की जानकारी देने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक कुशल श्रमबल की कमी उनके कारोबार को प्रभावित कर रही है।
आईटीसर्व एच-1बी वीजा के कोटा को 65,000 से बढ़ाकर 1,30,000 सालाना करने के अलावा अमेरिका में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) की शिक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की भी मांग करेगा, जिससे देश में ही अत्यधिक कुशल श्रमबल तैयार किया जा सके।