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संसद का मॉनसून सत्र आज से, मणिपुर और महंगाई के मुद्दों से गरमाएगा सदन

 नई दिल्ली

संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर बुधवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग की है। विपक्ष ने ओडिशा रेल हादसे, भारत-चीन सीमा स्थिति, महंगाई, संघीय ढांचे पर प्रहार जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने को कहा है। महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की भी मांग रखी है। सरकार ने संसद सत्र के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि वह हर मुद्दे पर नियमानुसार चर्चा के लिए तैयार है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में 34 दलों के 44 नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्वाद जोशी ने कहा कि इसमें कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आए। ये सुझाव विपक्षी दलों से भी आए और सहयोगी दलों से भी मिले। जोशी ने कहा कि सरकार संसद में नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत मणिपुर की स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। जो भी लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति समय तय करते हैं, हम चर्चा कराने के लिए तैयार हैं।

सरकार के पास 31 विधायी विषय
जोशी ने कहा, सत्र के दौरान सरकार के पास 31 विधायी विषय हैं। इनमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 शामिल है। इसके अलावा, डाक सेवाएं विधेयक 2023, डिजिटल व्यक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक 2023, प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और आवश्यक संशोधन विधेयक 2023, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा निधि और बैंक विधेयक 2023 भी सूची में शामिल हैं। राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023, राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023, औषधि चिकित्सा उपकरण प्रसाधन सामग्री विधेयक 2023, जन्म और मृत्यु पंजीकरण संशोधन विधेयक 2023, जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2023, चलचित्र संशोधन विधेयक 2023, प्रेस और पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023, अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2023, खान और खनिज विकास और विनियम संशोधन विधेयक 2023, रेल संशोधन विधेयक 2023, राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान विधेयक 2023 को भी पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सत्र के दौरान जैवविविधता संशोधन विधेयक 2022 और बहु राज्य सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक 2022 को चर्चा एवं पारित किए जाने के लिए पेश किया जा सकता है।

कांग्रेस ने मणिपुर पर चर्चा कराने की मांग की
बैठक के बाद कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की है। प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो। दो महीने गुजर गए, लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं। आग्रह है कि उन्हें संसद में बयान देना चाहिए और चर्चा करानी चाहिए। चौधरी ने कहा कि उन्होंने लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में हिस्सा लिया और उन सभी मुद्दों को उठाया, जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। सर्वदलीय बैठक में भी इन मुद्दों को उठाया गया। हम कार्यस्थगन प्रस्ताव लाना चाहते हैं, क्योंकि मणिपुर की स्थिति खराब हो रही है। चौधरी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को हमारे दिल की बात सुननी चाहिए और विपक्ष को बोलने का मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। अगर सरकार सदन में कामकाज चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को मुद्दे उठाने और अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए।

महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए: बीजद
बीजू जनता दल के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी ने महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग की, जिसे कई दलों का समर्थन मिला। इनमें वाईएसआर कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति और वाम दल शामिल हैं। शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि लोगों का पैसा बर्बाद नहीं होना चाहिए और सदन में कामकाज चलना चाहिए।

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री व राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, तेलुगु देशम पार्टी के जयदेव गल्ला, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, अन्नाद्रमुक के एम थम्बीदुरई, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर आदि ने भी भाग लिया।

 

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