कोरोना में नौकरी गई तो बाजरे से बनाई आइसक्रीम, ऐसे खड़ा किया कारोबार
आगरा
आगरा के फतेहाबाद में ब्लॉक बरौली अहीर के गांव कुंडौल के दो भाइयों की कोरोना काल में नौकरी चली गयी। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। प्रदेश की योगी सरकार की श्री अन्न योजना का सहारा लिया। बाजरे से आइसक्रीम तैयार की। कड़ी मेहनत और सरकार के सहयोग से उनका टर्न ओवर 45 लाख तक पहुंच गया है। अब ये दोनों भाई 35 अन्य युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं। सदर तहसील क्षेत्र के फतेहाबाद रोड स्थित गांव कुंडौल निवासी विवेक उपाध्याय और गगन उपाध्याय ने दयालबाग शिक्षण संस्थान से फूड प्रोसेसिंग और डेयरी टेक्नोलॉजी में डिग्री प्राप्त की थी। दोनों भाइयों को आइसक्रीम कंपनी में नौकरी मिल गई। लेकिन सन 2020 में कोरोना महामारी के कारण विवेक और गगन की नौकरी चली गई।
इसके बाद दोनों भाइयों ने दिसंबर में आइसक्रीम का कारोबार शुरू किया। लेकिन दोनों को एक झटका फिर लगा। कुछ दिन बाद ही फिर लॉकडाउन लग गया। दोनों भाइयों ने हिम्मत नहीं हारी। धीरे-धीरे उनकी आइसक्रीम का स्वाद लोगों को भा गया। कारोबारी प्लानिंग, मार्केट रिसर्च और सरकारी मदद से कारोबार चल निकला।
बाजरे के साथ दूध और शहद मिलाया
विवेक ने बताया कि उन्होंने आइसक्रीम और कुल्फी में मोटे अनाज (बाजरे) का इस्तेमाल किया। आइसक्रीम के साथ बाजरे की कुल्फी भी बनाई। इस कुल्फी में बाजरे के साथ दूध और शुद्ध शहद मिलाया जाता है। बाजरे की कुल्फी लोगों को खूब पसंद आ रही है। विवेक ने कहा कि बाजरे की इस कुल्फी को हर आयु वर्ग के लोग पसंद कर रहे हैं।
अब रागी से भी बनाएंगे आइसक्रम और कुल्फी
विवेक बताते हैं कि श्री अन्न से बनी यह कुल्फी स्वाद के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है। अभी बाजरे की कुल्फी की कीमत सिर्फ 10 रुपये रखी गई है। विवेक ने बताया कि उन्होंने और गगन ने 15 लाख रुपये से आइसक्रीम का कारोबार शुरू किया था। उनका टर्न ओवर अब 45 लाख रुपये है। विवेक ने बताया कि आने वाले महीनों में वे रागी से भी आइसक्रीम व कुल्फी तैयार करेंगे। इसमें न्यूट्रीशन अधिक होता है। यह सेहत के लिए लाभदायक होता है।