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प्रधानमंत्री आवास योजना से चूक गए ये 23 राज्य, यूपी की चांदी; 1.44 लाख अतिरिक्त घरों को मंजूरी

 नई दिल्ली

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत सरकार ने मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है। लगभग दो दर्जन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से समय पर मंजूरी ना दिए जाने की वजह से उत्तर प्रदेश की चांदी हो गई है। अब केंद्र सरकार ने दूसरे राज्यों से 1.44 लाख घरों का आवंटन ले लिया है और इसे उत्तर प्रदेश को दे दिया है। केंद्र ने घरों की मंजूरी के लिए राज्यों को 30 जून तक का समय दिया था।

पीछे रह गए राज्यों में भाजपा शासित भी
सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात की जानकारी दे दी है कि समय पर मंजूरी ना मिलने की वजह से उनके हिस्से के आवास यूपी को दिए जा रहे हैं। जिन राज्यों से आवास लिए गए हैं उनमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। ये राज्य हैं- गुजरात, त्रिपुरा, ओडिशा, सिक्किम, मेघालय, महाराष्ट्र, असम, नगालैंड, मिजोरम, तमिलनाडु, अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, लद्दाख, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश।

सरकार ने मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा था। इसमें से 2.04 करोड़ राज्यों को सामाजिक-आर्थिक जाति आधारित गणना के आधार पर दिए जाने थे। बाकी के 91 लाख घर आवास प्लस के तहत सर्वे के  आधार पर दिए गए थे। जून 2018 से मार्च 2019 के बीच यह  सर्वे करवाया गया था। हालांकि इन राज्यों ने 30 जून तक 1,44,220 घरों के लिए मंजूरी नहीं दी।

दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश ने पहले ही  34.72 लाख घर आवंटित किए थे। इसके बाद भी केंद्र सरकार के पास अतिरिक्त आवास के लिए निवेदन भेज दिया। राज्य के उपमुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को पत्र लिखा। शुरुआत में यूपी में 29.82 लाख घर बनाए गए। बाकी का निर्माण अभी चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश को अतिरिक्त घर आवंटित करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार को अतिरिक्त आवास की मंजूरी मिल गई है। लेकिन सभी योग्य लोगों को घर उपलब्ध करवाने के लिए अभी कम से कम 95 हजार घरों की जरूरत है। सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मणिपुर, दादरा-नगर हवेल को विशेष परिस्थितियों के चलते 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। अगर इस तय समय सीमा में वे घर आवंटित नहीं कर पाते तो ये किसी और राज्य को दे दिए जाएंगे। PMAY-G की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों की बात करें तो 17 जुलाई तक 2.93 करोड़ घर केंद्र ने आवंटित किए हैं जिनमें से 2.90 को मंजूरी िल गई है। 2.31 करोड़ घरों का निर्माण भी पूरा हो चुका है।

 

Pradesh 24 News
       
   

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