उत्तरप्रदेशराज्य

वीआइपी कल्चर छोड़कर कार्यकर्ताओं से मिले संघ प्रमुख मोहन भागवत, पूछा ‘राम-राम जी… कैसे हैं आप लोग’

हस्तिनापुर-मेरठ,
जंबूद्वीप परिसर में शनिवार दोपहर कड़ी सुरक्षा के बीच दर्जनभर वाहन कतार से दाखिल हुए। पुलिस बेहद सतर्क और व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद। एक वाहन से उतरते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डा. मोहन राव भागवत ने कार्यकर्ताओं से राम-राम, कैसे हैं आप लोग…कहते हुए अभिवादन किया। उनकी एक झलक पाने के लिए गेट पर बड़ी संख्या में कृषक एवं स्वयंसेवक खड़े थे। संघ प्रमुख ने देखा कि बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को सुरक्षाकर्मियों ने रोका है, ऐसे में उन सभी को अंदर बुलाकर मुलाकात की।
 
कार्यकर्ताओं से जाना स्वास्थ्य का हाल
कृषि प्रदर्शनी में संघ प्रमुख मोहन भागवत को कार्यकर्ताओं ने अपना परिचय देना शुरू किया तो भागवत ने उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। पूछा, परिवार में सब ठीक हैं। कई कार्यकर्ताओं के नाम तो संघ प्रमुख को मुंह जबानी याद थे। जाते वक्त कहा, मौसम तो बड़ा अच्छा है। शाम को ली कार्यकर्ताओं की बैठक : प्रदर्शनी से आने के बाद संघ प्रमुख ने व्यवस्था, सेवा आदि कार्य देख रहे कार्यकर्ताओं के साथ बैठक ली। इस दौरान आरएसएस के अहम पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
 
पदाधिकारियों ने डाला जंबूद्वीप में डेरा
मोहन भागवत के आगमन को लेकर आरएसएस और अनुषंगिक संगठनों के बड़े पदाधिकारी शनिवार को जंबूद्वीप में मौजूद रहे। इस दौरान क्षेत्र संघचालक सूर्य प्रकाश टोंक, भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी, महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा, अखिल भारतीय सह जैविक प्रमुख धर्मपाल सिंह, प्रांत प्रचारक अनिल कुमार, प्रांत प्रचार प्रमुख सुरेंद्र सिंह, विभाग प्रचारक धनंजय, आकाश राठी, डा. मनोज सिवाच सहित काफी संख्या में पदाधिकारी डेरा डाले रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल के दौरान एसटीएफ में बतौर डिप्टी एसपी सेवाएं देने वाले शैलेंद्र कुमार सिंह ने मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, बृजेश सिंह, मुन्ना बजरंगी जैसे माफियाओं के खिलाफ कड़ी कारवाई की थी। मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाने के बाद वह सुर्खियों में आए। 1991 बैच के पीपीएस अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने 2004 में नौकरी छोड़ दी, लेकिन राजनीतिक दबाव के बावजूद मुख्तार अंसारी से पोटा नहीं हटाया। अब वो जैविक खेती में जुटे हैं। अब नंदी रख प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा में है। शनिवार को दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए शैलेंद्र ने कहा कि वह भारतीय नस्ल की गाय पर काम कर रहे हैं। विश्व के सामने जैविक खेती के अतिरिक्त अब कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

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