शरद पवार का अटैक पार्ट-2, अजित पवार गुट के 12 विधायकों को कारण बताओ नोटिस; 48 घंटे का अल्टीमेटम
नई दिल्ली
महाराष्ट्र के राजनीति में भतीजे अजित पवार के विद्रोह से घायल हुए शरद पवार अब अपनी पार्टी (एनसीपी) के पुनरुद्धार के लिए जी जान से जुट चुके हैं। इसी कड़ी में अपने पहले प्रभावशाली कदम के रूप में शरद पवार ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंच बनाने के लिए एनसीपी के युवा कार्यकर्ताओं के साथ एक मैराथन बैठक की है। इस बैठक में सीनियर पवार ने कार्यकर्ताओं को पार्टी की विचारधारा का पाठ पढ़ाया, जिसमें भाजपा की "विभाजनकारी राजनीति" का विरोध करने पर जोर दिया गया।
पवार ने एनसीपी के कैडरों से समावेशिता, समानता, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने की अपील की। उन्होंने युवा कैडरों से पार्टी की स्थापना और एनसीपी की यात्रा में सराहनीय योगदान देने वाले पार्टी के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों से बातचीत करने का आह्वान किया। पवार ने कहा, "हमारे कार्यकर्ताओं को पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों के साथ बातचीत बढ़ानी चाहिए और 1999 में पार्टी की स्थापना के बाद से पार्टी की यात्रा में उनके बहुमूल्य योगदान को पहचानना चाहिए।" एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने पार्टी कार्यकर्ताओं से राज्य का व्यापक दौरा करने को कहा है।
इस बीच, सख्त कदम उठाते हुए शरद पवार द्वारा नियुक्त मुख्य सचेतक जीतेंद्र अव्हाड ने अजित पवार के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने के तीन दिन बाद 5 जुलाई को सीनियर पवार की अध्यक्षता में हुई पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने पर अजित समूह के 12 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्हें 48 घंटों के अंदर जवाब देने को कहा है।
जिन 12 विधायकों को नोटिस भेजा गया है उनमें सुनील शेल्के, दिलीप बनकर, नितिन पवार, दीपक चव्हाण, इंद्रनील नाइक, यशवंत माने, शेखर निकम, राजू कारेमोरे, मनोहर चंद्रिकापुरे, संग्राम जगताप, राजेश पाटिल और माणिकराव कोकाटे शामिल हैं। सभी 12 लोग अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। शरद पवार समूह ने पहले ही अजित सहित नौ विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू कर दी है, जिन्होंने 2 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली थी।
शरद पवार गुट के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिन 12 विधायकों को नोटिस दिया गया है, उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों पर स्पीकर राहुल नार्वेकर को एक पत्र भी भेजा जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीपी के 53 विधायकों में से 35 से ज्यादा ने अजित पवार को समर्थन दिया है। हालांकि, अजित गुट के प्रफुल्ल पटेल ने 45 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।