रायपुर
हिंदू राष्ट्र की संकल्पना को लेकर छत्तीसगढ़ में एक महीने से चल रही संतों की पदयात्रा का समापन 17 मार्च को हो गया। विभिन्न् स्थानों से पहुंचे संतों का राजधानी में स्वागत किया गया। यात्रा के समापन के बाद राजधानी में 19 मार्च को धर्म संसद का आयोजन किया गया है। संत समाज के सदस्य दलितों के घर हरि भोजन भी करेंगे। आयोजकों का कहना है कि हरि भोजन का उद्देश्य सामाजिक समरसता का विस्तार करना है।
इस यात्रा के दौरान कई पड़ाव पर संतों ने हरि भोजन किया, जिसका उद्देश्य जात-पात और ऊंच-नीच का भेदभाव को खत्म करते हुए सनातन धर्म और हिंदुत्व विचारधारा को प्रचारित करना था। राजधानी में संतों की पदयात्रा पहुंचने के बाद विभिन्न् मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई। मां महामाया यात्रा में शामिल संतों ने मां बंजारी धाम पहुंचकर मत्था टेका। दल में बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम शामिल रहा। अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ़ और विश्व हिंदू परिषद (छत्तीसगढ़ प्रांत) के बैनर तले रविवार को होने वाले धर्म संसद में हिंदुत्व जागरण, मतांतरण, लव जिहाद सहित गौहत्या पर रोक का मुद्दा गूंजेगा। एक महीने तक चली हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पद यात्रा की शुरूआत 18 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन से की गई थी।
धर्म संसद में देशभर के 500 से अधिक संत शहर के रावणभाठा मैदान में जुटेंगे। मैदान में आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है। पदयात्रा में 33 जिलों का भ्रमण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग स्वस्फूर्त जुटे। आयोजकों का कहना है कि यात्रा का पड़ाव गांवों से लेकर शहरों तक विस्तारित था।