रायपुर। हेस्टैक एनालिटिक्स ने राजधानी रायपुर में भारत का पहला यूनिवर्सल इन्फेक्शियस डिजीज टेस्ट (आईडी) – इनफेक्सन की शुरूआत कर दी और यह लैब बुढ़ापारा बिजली आॅफिस के सामने द अमेरिकन लैबोरेटरी के नाम से संचालित हो रहा है। अब मरीजों को अपनी रिपोर्ट लेने के लिए 4 से 5 दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, उन्हें केवल 12 से 14 घंटों के अंदर रिपोर्ट मिल जाएगा। इसके लिए मरीज के परिवार को मात्र 8 हजार रुपये खर्च करने होंगे जिसमें मरीज का खून लिया जाएगा और चंद घंटों के अंदर रिपोर्ट उनके हाथों में होगा और इस रिपोर्ट यह भी बताया जाएगा कि मरीज को कौन की दवाईयां देनी है ताकि वह जल्द से जल्द ठीक हो सकें।
द अमेरिकन लैबोरेटरी के डायरेक्टर डॉ. लवेश रूपरेला ने बताया कि द अमेरिकन लैबोरेटरी के साथ मिलकर हैस्टैक एनालिटिक्स ने छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरी दुनिया में फैल रहे संक्रामक बीमारियों की पहचान के लिए दुनिया की पहली आधुनिक जीनोमिक टेस्टिंग टेक्नोलॉजी की शुरूआत राजधानी रायपुर से ही है। जहां पहले हम देखते थे कि किसी संक्रमण के कारण मरीज लैब पहुंचता था और वहां पर उसकी मलेरिया, टाईफाई के साथ ही अन्य बीमारियों के लिए खून लिया जाता है और इनमें से किसी का लक्षण दिखाई देने पर मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचते है जहां डॉक्टर उसे कभी हाईडोज तो कभी लो डोज की दवाई देता है फिर वह ठीक नहीं होने पर उसकी डीएन टेस्ट के लिए शहर से बाहर भेजा जाता था और रिपोर्ट आने में 4 से 5 दिन लग जाने के कारण उसकी मौत हो जाती थी। लेकिन राजधानी रायपुर में जीनोमिक टेस्ट की शुरू हो जाने से अब मरीजों को मात्र 12 से 14 घंटों के अंदर रिपोर्ट मिल जाएगा और इसके साथ ही इस रिपोर्ट में उन्हें यह पता चल सकेगा कि मरीज को कितनी मात्रा में और कौन की दवाई देनी है। इस अवसर पर इंडियन सोसाइटी आॅफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन के रायपुर चैप्टर के प्रेसिडेंट डॉ. सूर्यप्रकाश साहू, द अमेरिकन लैबोरेटरी के डायरेक्टर डॉ. लवेश रूपरेला, हेस्टैक एनालिटिक्स के सह-संस्थापक और सीओओ गौरव श्रीवास्तव, मेडिकल अफेयर्स की डायरेक्टर डॉ. महुआदास गुप्ता उपस्थित थी।
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