SIT ने चार्जशीट में किसे बताया अतीक-अशरफ हत्याकांड का मास्टरमाइंड? आज कोर्ट में पेश होंगे हत्यारोपी
प्रयागराज
देश-विदेश में चर्चा में रहे माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के मामले की जांच कर रहे एसआईटी ने गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया। शाम को दाखिल किए गए आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने तीनों आरोपितों को 14 जुलाई को न्यायालय में तलब करने का आदेश दिया है। 14 जुलाई को तीनों आरोपितों सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या की ज्यूडिशियल कस्टडी की मियाद खत्म हो रही है। इसमें सनी सिंह हमीरपुर, लवलेश बांदा और अरुण कासगंज का रहने वाला है। ज्यूडिशियल कस्टडी की मियाद खत्म होने से ठीक एक दिन पहले ही चार्जशीट न्यायालय में पेश कर दी गई।
हत्याओं के 90 दिनों के भीतर दायर की गई चार्जशीट का हवाला देते हुए, एसआईटी के एक अधिकारी ने कहा कि हमीरपुर का रहने वाला शनि सिंह उर्फ पुरैनी (23) हत्याओं का मास्टरमाइंड था क्योंकि उसने अन्य दो आरोपियों को उकसाया था। एसआईटी ने कहा कि हमलावरों की अतीक या अशरफ से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी और वे दोनों के 'गिरोह' को खत्म करके लोकप्रिय बनना चाहते थे।
कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने कहा, अपराध का संज्ञान लेने का पर्याप्त आधार सीजेएम दिनेश कुमार गौतम ने पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए गए विवेचना के परिणाम, आरोप पत्र के साथ संलग्न करीब 2000 पेज की केस डायरी और अन्य कागजात, प्रथम सूचना रिपोर्ट, नक्शा नजरी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, चालान, फोटो, परीक्षण रिपोर्ट का अवलोकन किया। अवलोकन के पश्चात सीजेएम ने कहा कि अपराध का संज्ञान लिए जाने का पर्याप्त आधार उपलब्ध है, लिहाजा संज्ञान लिया जाता है। साथ ही आरोपितों को 14 जुलाई को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया ताकि उन्हें अभियोजन पत्रों की नकलें उपलब्ध कराई जा सकें। और यह मामला विचारण के लिए सत्र न्यायालय को सुपुर्द किया जा सके।
पुलिस ने कहा- पर्याप्त सबूत, दंडित करें
करीब 2000 पेज की केस डायरी के साथ प्रस्तुत 56 पेज के आरोप पत्र में पुलिस ने कहा है कि हत्याकांड के तीनों आरोपित 15 अप्रैल को घटनास्थल पर ही पकड़े गए थे। लवलेश तिवारी, सनी तथा अरुण मौर्या के खिलाफ विवेचना के दौरान पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं इसलिए सबूत तलब करके दंडित करने की कृपा करें।
200 से ज्यादा गवाह, 70 फुटेज और 15 वीडियो रिकॉर्डिंग
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दो हजार से अधिक पेज की केस डायरी और आरोप पत्र में हर पहलू पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत की है। एसआईटी ने अतीक को अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज तक लाने से लेकर कस्टडी रिमांड पर लिए जाने की हर गतिविधियों का ब्योरा दिया है।
इसी प्रकार अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाने, धूमनगंज थाने में रखे जाने, मेडिकल परीक्षण कराने की पूरी रिपोर्ट केस डायरी में दर्ज की गई है। केस डायरी और आरोप पत्र में एसआईटी ने 200 से अधिक गवाहों को शामिल किया है। इसमें चश्मदीद गवाह अलग हैं जबकि आम गवाहों को अलग रखा गया है। चश्मदीद गवाहों में अतीक-अशरफ की सुरक्षा में लगे 21 पुलिसकर्मी, 11 मीडिया कर्मी और अस्पताल गेट से लेकर घायलों का इलाज करने वाले 16 से अधिक अस्पताल कर्मी शामिल हैं।
एसआईटी ने सीसीटीवी कैमरों की 70 फुटेज और 15 वीडियो रिकॉडिंग को अदालत में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया है। सीसीटीवी फुटेज में धूमनगंज थाने से अतीक-अशरफ के निकलने, रास्ते, कॉल्विन अस्पताल, काटजू रोड की दुकानों के कैमरों की रिकॉडिंग शामिल है। तीनों आरोपितों बांदा के लवलेश तिवारी, हमीरपुर के सनी सिंह और कासगंज के अरुण मौर्या के प्रयागराज में दाखिल होने, होटल में ठहरने, मीडिया कर्मियों के ग्रुप में शामिल होने, अस्पताल के भीतर दाखिल होने, हत्या के दौरान की फुटेज के अलावा सरेंडर करने तक का ब्योरा आरोप पत्र में शामिल किया गया है।